सीमा को खुनुवा बार्डर का पता किसने बताया, कहीं इन दोनों ने समूची भारत नेपाल सीमा की रैकी तो नहीं की थी?
सीमा अपने चार बच्चों के साथ काठमांडू से सीधे दिल्ली क्यों नहीं गई,उसने पोखरा से बस क्यों पकड़ा? क्या सचिन की नामौजूदगी में उसके साथ कोई और था?
उमेश तिवारी
पाकिस्तानी हंसीना सीमा हैदर और सचिन मीणा को आखिर नेपाल के बारे में इतनी जानकारी कैसे हुई यह एक बड़ा प्रश्न है। सीमा को खुनुवा बार्डर का पता किसने बताया। कहीं इन दोनों ने उत्तर प्रदेश और बिहार से सटे समूची भारत नेपाल सीमा की रैकी तो नहीं की थी। सवाल यह भी है कि सीमा काठमांडू से सीधे दिल्ली क्यों नहीं गई ।उसने पोखरा का ही रास्ता क्यों चुना। सचिन की नामौजूदगी में सीमा पोखरा किसके साथ गई। इस खेल में कहीं कोई तीसरा व्यक्ति तो नहीं है जिसे सीमा और सचिन छिपा रहे हैं। अगर सीमा सचिन से बेपनाह मोहब्बत करती है तो उसे इस तरह का षड़यंत्र करने की क्या जरूरत थी। इन सारे सवालों के जबाब आने अभी बाकी हैं।
बताते चलें कि सचिन की पाकिस्तानी माशूका सीमा हैदर का जो सच सामने आया है, वो अभी आधा अधूरा महसूस होता है। क्योंकि कई सवाल ऐसे हैं, जिनके जवाब अभी तक पुलिस और एजेंसियां तलाश कर रही हैं। सीमा कराची से होते हुए 10 मार्च को नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंची थी। तब एयरपोर्ट के बाहर सचिन मीणा पहले से मौजूद था। इसके बाद वो दोनों एक होटल में पहुंचे और अगले सात दिनों तक वहीं रहे।
दो दिनों तक लगातार सीमा और सचिन से लंबी पूछताछ के बाद पूछताछ में क्या निकला?
इस बारे में यूपी पुलिस ने बुधवार को एक प्रेस रिलीज जारी की। जिसमें अब तक की जांच और सीमा से बरामद सभी सामान की पूरी जानकारी दर्ज है। उस प्रेस रिलीज में पाकिस्तान से लेकर भारत आने तक सीमा की पूरी कहानी है। लेकिन इसमें कहीं भी ये नहीं है कि सीमा एक जासूस है। इस प्रेस रिलीज में सीमा की पूरी कहानी वही है, जो खुद सीमा ने अब तक नोएडा पुलिस को बताई या फिर मीडिया वालों को। इस प्रेस रिलीज के हिसाब से यूपी पुलिस भी फिलहाल यही मान कर चल रही है कि मामला जासूसी का नहीं बल्कि आशिकी का है।
सीमा की कहानी पर सुरक्षा एजेंसियों को ऐतबार नहीं
महज पांचवी पास एक लड़की, जिसने अपने घर की दहलीज के बाहर पहले कभी कदम भी ना रखे हों, वो सीधे कराची के अपने मोहल्ले से निकले और तीन-तीन मुल्कों की सरहदें लांघती हुई भारत की राजधानी दिल्ली पहुंच जाए और किसी को कानों-कान पता भी न चले। इस कहानी पर सुरक्षा एजेंसियों का ऐतबार करना इतना आसान नहीं है। लेकिन पड़ोसी मुल्क नेपाल की गलियां, होटल, होटल का कमरा, यहां काम करने वाले मुलाजिम और उनके नाते रिश्तेदार ये सब पाकिस्तान की सीमा की सीमा लांघने की इस हैरान करने वाली कहानी के गवाह हैं।
भारत आने से पहले ट्रायल रन!
सीमा पाकिस्तान से निकल कर पहली बार में ही सीधे भारत नहीं पहुंच गई, बल्कि यहां आने से पहले उसने बाकायदा इसका एक ट्रायल रन किया, नेपाल में अपने आशिक यानी ग्रेटर नोएडा के रहने वाले सचिन से मिली। उसके साथ सात दिनों तक रही और फिर जब दूसरी बार नेपाल आई, तो वहां से सीधे सचिन के घर ग्रेटर नोएडा ही पहुंच गई।
इस कहानी की शुरुआत नेपाल में होती है। जब कराची से सीमा हैदर चोरी-छिपे पहले नेपाल पहुंचती है और फिर नेपाल की राजधानी काठमांडू के न्यू बस पार्क इलाके में मौजूद न्यू विनायक रोल्पा जलजला रुकमेली गेस्ट हाउस में सचिन के साथ पूरे सात दिन तक रुकती है। लेकिन खास बात ये है कि होटल में ना तो सचिन अपना नाम-पता सही लिखवाता और ना सीमा। बल्कि दोनों ही होटल में अलग-अलग नामों से रुकते हैं और रिश्ते में खुद को एक दूसरे की पति-पत्नी बताते हैं। वैसे शक करने वाले शक कर सकते हैं कि सही नाम पता न लिखवाने के पीछे इरादा जासूसी का हो सकता है, लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि अक्सर आशिकी में भी आशिक और माशूक अपनी पहचान यूं ही छुपा लेते हैं।
सचिन ने पहले ही तैयार कर ली थी भूमिका
सीमा और सचिन के बारे में न्यू विनायक रोल्पा जलजला रुकमेली गेस्ट हाउस के रिशेप्सनिस्ट गणेश रोका मगर ने मीडिया को दोनों के होटल में रुकने को लेकर पूरी कहानी सुनाई। सीमा तो खैर कराची से आ रही थी, लेकिन सीमा के नेपाल पहुंचने से पहले ही सचिन ना सिर्फ नेपाल पहुंच चुका था, बल्कि उसने नेपाल का एक लोकल एनसीएल सिम भी ले लिया था, होटल का कमरा बुक कर चुका था, कमरे में अपने साथ अपनी बीवी को लाने की भूमिका तैयार कर चुका था।
यही है कमरा नं 204 जिसमें सचिन और सीमा एक सप्ताह रूके थे |
बजट के हिसाब से होटल में रुके थे सीमा-सचिन
दोनों उस होटल के कमरा नंबर 204 में रुके थे। वो एक बजट होटल है, जिसके सारे कमरे काफी छोटे हैं। कमरा नंबर 204 भी अलग नहीं है। उसमें एक छोटा सा बेड लगा है। पास में एक टेबल और दीवार पर एक शीशा टंगा है। रूम का किराया 500 रूपये दर्शाया गया है।होटल में रुकने के दौरान सीमा और सचिन ना सिर्फ ज्यादातर वक्त होटल के उसी कमरे में गुजारते रहे, बल्कि एक दूसरे के साथ जमकर रील्स भी बनाई। यहां तक कि होटल के कमरे में भी सचिन ने सीमा की मांग में सिंदूर भरते हुए भी रील शूट कर डाला।
गणेश रोका मगर होटल के मालिक काठमांडू |
दूसरी बार बच्चों के साथ नेपाल आई थी सीमा
सात दिनों तक होटल में रहने के दौरान दोनों होटल के रिशेप्सनिस्ट और यहां तक कि उनके बच्चों के साथ भी घुल मिल गए थे। और दोनों ने उनके साथ भी कई रील्स शूट किए। हालांकि अपने इस पहले दौरे में सीमा अपने चार बच्चों को कराची में ही अपनी बहन के पास छोड़ कर आई थी। लेकिन जब वो दूसरी बार नेपाल के रास्ते भारत के लिए निकली, तो फिर बच्चों को साथ लेकर निकली। क्योंकि इस बार उसे अपने पति गुलाम हैदर का घर हमेशा-हमेशा के लिए छोड़ देना था।
दुबई एयरपोर्ट पर 11 घंटे किया था फ्लाइट का इंतजार
सीमा ने सस्ती फ्लाइट बुक करवाई थी। पहले वो दुबई पहुंची, जहां एयरपोर्ट पर नेपाल की फ्लाई के लिए करीब 11 घंटे तक चारों बच्चों के साथ उसने स्टे किया और फिर अगले दिन यानी 11 जुलाई को वो नेपाल पहुंची।
यही है खुनुवा बार्डर जहां से कथित तौर पर सीमा को दिल्ली पहुंचने की बात कही जा रही है |
जहां से पोखरा होती हुई बस के रास्ते वो दिल्ली पहुंच गई थी। और भारत में दाखिल होने के इस पूरे सिलसिले के दौरान उसने सचिन को ही अपना पति बताया और ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा को अपना गांव।
सच पता लगाना चाहती है एटीएस
क्या सीमा और सचिन की कहानी में कुछ ऐसा भी है, जो ये दोनों छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। तो यूपी की एंटी टेररिस्ट स्क्वॉयड यानी एटीएस फिलहाल यही सच पता लगाना चाहती है।
15 घंटे की लंबी पूछताछ
एटीएस सोमवार और मंगलवार को सीमा और सचिन के साथ-साथ सीमा के दो बच्चों और सचिन के पिता से भी कुल 15 घंटे की पूछताछ कर चुकी है। लेकिन इस पूछताछ के बाद सीमा और सचिन को क्लीन चिट मिलने वाली है या फिर सीमा की कोई और असलियत सामने आएगी यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा?
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