बीके तिवारी
गोंडा: अंग्रेजों के जमाने में बने परिषदीय विद्यालय के भवन जर्जर हो गए। फिर भी इस जर्जर विद्यालय में नौनिहालों की जान जोखिम में डालकर उन्हें शिक्षा दी जाती है। विद्यालय इतना जर्जर हो चुका है किसी भी समय इसका कोई हिस्सा गिर सकता है। जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।
भवन की जर्जर रिपोर्ट जाने के बाद भी इसका ध्वस्तीकरण नही हो सका। जिसका परिणाम यह है छत का प्लास्टर गिरने से एक छात्र घायल हो गया।
फिर भी जांच कर रिपोर्ट देने की बात कौन करें बीईओ ने हाल चाल लेना भी उचित नहीं समझा।
प्राथमिक विद्यालय कौड़िया प्रथम के बरामदे का छत का प्लास्टर टूटकर गिरने से एक बच्चे का सर फट गया। कुछ बच्चों को मामूली चोटे आई है। विद्यालय के शिक्षकों ने उपचार के लिए कस्बे एक निजी चिकित्सालय ले गए। जहां पर चिकित्सकों ने उसका उपचार किया। बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।
गोंडा जिले के शिक्षा क्षेत्र रुपईडीह के प्राथमिक विद्यालय कौडिया प्रथम में का निर्माण आजादी से पहले अंग्रेजों के शासन काल में 1938 में हुआ था। जिसमें करीब 14 कमरा व सभी के आगे बरामदा बना हुआ है। विद्यालय काफी जर्जर हो गया है। जिसकी सूचना शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों को दी है। परन्तु ध्वस्तीकरण नहीं हो सका।
विद्यालय में 101 छात्र-छात्राएं नामांकित है। जिसके पठन-पाठन के लिए 04 शिक्षकों की तैनाती है। जिसमें प्रधानाध्यापक सुनीता मिश्रा, सहायक अध्यापक लव कुमार शुक्ला, शिक्षामित्र कुलदीप पांडेय और गुड़िया पांडेय की तैनाती है। विद्यालय में 03 रसोईया की तैनाती है। विद्यालय में पठन-पाठन चल रहा था। कक्षा 5 के छात्र बरामदे में बैठकर पढ़ रहे थे। अचानक छत का प्लास्टर टूट कर अंश तिवारी निवासी बाबागंज बेलवाभान कौड़िया बाजार के सर पर गिर गया।
जिससे उसका सर फट गया तथा आसपास बैठे छात्रों को भी हल्की छोटे आई। विद्यालय के शिक्षकों ने छात्र को उपचार के लिए कस्बे के एक निजी चिकित्सालय ले गए। जहां पर चिकित्सकों ने उसका उपचार किया। जिसकी सूचना विद्यालय के शिक्षकों ने विभागीय अधिकारियों और परिजनों को देते हुए घायल छात्रों को घर भेज दिया। अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
भवन जर्जर की सूचना अधिकारियों को भेजी गई, फिर भी नहीं हुई कार्यवाही
विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सुनीता मिश्रा ने बताया कि विद्यालय काफी जर्जर हो चुका है। जिसकी सूचना विभागीय अधिकारियों को कई बार दी जा चुकी है। परंतु स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है। ग्राम प्रधान विवेक शुक्ला ने बताया कि विद्यालय 1938 में बना था जो जर्जर हो गया है।
इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों से लेकर जनपद के उच्चाधिकारियों को दी गई है। परंतु शिथिलता के चलते इसका ध्वस्तीकरण नहीं कराया गया है। जिसके चलते आज छत का प्लास्टर टूट कर छात्रों के ऊपर गिर गया है ।जिससे छात्र घायल हुए हैं। भविष्य में बड़ी घटना हो सकती है।
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