अशफाक आलम
गोंडा:चंद्रयान 3 मिशन सभी के लिए गर्व की बात है । वही इस मिशन में गोंडा जिले का युवा वैज्ञानिक भी शामिल हुआ जो जिले वासियों के लिए बड़े सम्मान की बात है । क्षेत्र वासियों ने गोंडा के इस लाल को मिशन में शामिल होने पर मुबारकबाद दी है ।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का तीसरा मिशन चंद्रयान-3 अपने गंतव्य की ओर अग्रसर है। 14 जुलाई को लाँच हुए इस यान को पृथ्वी की कक्षा से ऑर्बिट रेज़िंग द्वारा चन्द्रमा की कक्षा में प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस प्रक्रिया में चौथी आर्बेिट रेजिंग 20 जुलाई को की गई। भारत के इस महत्वपूर्ण मिशन में गोंडा जिले के विकास खंड बभनजोत ग्राम कस्बा खास निवासी एख्तेदार अब्बास का भी योगदान रहा। एख्तेदार अब्बास इसरो की मातृसंस्था विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में वैज्ञानिक 'एसई' के पद पर कार्यरत हैं। एख्तेदार अब्बास के भाई एडवोकेट यावर अब्बास ने बताया कि वह चंद्रयान -3 के लांचर एलवीएम 3 - एम4 के मेकेनिकल हार्डवेयर बनाने वाली टीम में शामिल थे। तीन से 5 मीटर व्यास के ये हार्डवेयर 20 से अधिक भागों में स्वदेशी कंपनियों के माध्यम से बनवाये जाते हैं और फिर इन सभी पॉर्टस को असेम्बल करके लाँचर तैयार किया जाता है।
ग्राम कस्बा खास, गौराचौकी, निवासी जहूर मुस्तफा के पुत्र एख्तेदार अब्बास ने प्रारंभिक शिक्षा गौरा चौकी से ही प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्विद्यालय गए ।जहां से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और एन.आई.टी. इलाहाबाद से एम.टेक. किया। वह 2015 से इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में कार्यरत हैं।
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