वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़! चाइल्डलाइन ने पिछले डेढ़ साल से गायब हुई प्रतापगढ़ की एक मूक बधिर नाबालिग बालिका को काफी मशक्कत के बाद तमिलनाडु के पेरम्बदूर शहर से दूंढ कर परिजनों से मिलाने में सफलता हासिल की. इसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी रन बहादुर वर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी अभय शुक्ला सहित भुलियापुर चौकी इंचार्ज का विशेष सहयोग रहा.
उक्त जानकारी देते हुए चाइल्डलाइन प्रतापगढ़ के निदेशक नसीम अंसारी ने बताया कि स्थानीय शहर प्रतापगढ़ के एक मोहल्ले से 01 दिसंबर 2021 को 14 वर्षीय एक मूक बधिर बालिका अचानक लापता हो गयी. परिजनों द्वारा काफी खोज-बीन करने के उपरांत थक हार कर परिजनों ने 7 दिसंबर को सदर कोतवाली प्रतापगढ़ में बच्ची के गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. इस बीच जब भी चाइल्ड लाइन में जब भी कोई भूली भटकी बच्ची मिलती तो पुलिस द्वारा माँ को सूचना दी जाती तो मां दौड़ कर बच्ची को पहचानने चाइल्ड लाइन आ जाती, परन्तु हर बार निराश होकर वापस चली जाती. इसी दौरान गत 20 जून को तमिलनाडु के पेरम्बदूर शहर के राजकीय बालिका गृह से जिला प्रोबेशन अधिकारी के पास एक फोन आता है जिसमें एक बच्ची के पाए जाने की सूचना मिलती है. बच्ची मूक बधिर होने के बावजूद कक्षा-4 तक पढ़ी थी, जिसने एक कागज पर लिख कर अपना नाम पता बताया, जिसमे आधार पर चाइल्ड लाइन कौंसलर रीना यादव ने 3-4 दिन तक कड़ी मेहनत करके बच्ची के परिजनों को ढूँढ निकाला और मां-बेटी से वीडियो काल के जरिये बात भी करायी.
अंततः चाइल्डलाइन के अथक प्रयास से पेरम्बदूर की टीम उक्त मूक बधिर बालिका को प्रतापगढ़ ले आई और चाइल्डलाइन के सहयोग से बाल न्यायालय में प्रस्तुत किया जहाँ बाल कल्याण समिति के आदेश से बालिका को उसकी मां को सौंप दिया गया. डेढ़ साल बाद माँ से मिलते ही माँ-बेटी ने लिपट कर खूब रोया.
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