अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर के सांसद राम शिरोमणि वर्मा ने केंद्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर उन्हें इंडो नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र चंदनपुर से पचपेड़वा उतरौला मनकापुर अयोध्या सुल्तानपुर होते हुए संगम नगरी प्रयागराज तक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कराए जाने से संबंधित अनुरोध पत्र दिया है ।
सांसद श्रावस्ती राम शिरोमणि वर्मा ने 4 जुलाई को जानकारी दी है कि उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर उन्हें बलरामपुर जिले के इंडो नेपाल सीमावर्ती थारू बाहुल्य क्षेत्र चंदनपुर से पचपेड़वा, गनेशपुर, जैतापुर, उतरौला, मनकापुर, नवाबगंज, अयोध्या, सुल्तानपुर व प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करते हुए निर्माण कराए जाने के लिए अनुरोध पत्र दिया है । उन्होंने बताया कि यह सड़क अत्यंत महत्वपूर्ण है । इंडो नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र में बॉर्डर की सुरक्षा हेतु सशस्त्र सीमा बल की तैनाती की गई है जिनके आवागमन के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, जो चंदनपुर अनुसूचित जनजातीय क्षेत्र भारत नपाल सीमा पर चंदन पुर से प्रारंभ होकर कोहरगड्डी इमलिया कोडर थारू जनजाति संग्रहालय बढई पुरवा चौराहा, पचपेड़वा नगर पंचायत होते हुए जूडीकुइयां चौराहा गनेशपुर बाजार विजय नगर राजकीय महाविद्यालय पचपेड़वा रतनपुर चौराहा व जैतापुर चौराहा होते हुए जनपद सिद्धार्थनगर की सीमा से सटे हुए अन्य जिला मार्ग को टच करता हुआ उतरौला नगर पालिका क्षेत्र होते हुए मनकापुर नवाबगंज अयोध्या सुल्तानपुर तथा प्रतापगढ़ होकर संगम नगरी प्रयागराज तक जानी है । उन्होंने पत्र में लिखा है कि संसदीय क्षेत्र 58 श्रावस्ती के अंतर्गत आने वाले दोनों जनपद बलरामपुर तथा श्रावस्ती प्रदेश के सबसे पिछले 8 जनपदों की सूची में हैं । बलरामपुर स्वर्गीय प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेई की कर्मस्थली है तथा श्रावस्ती गौतम बुद्ध की तपोस्थली है । यह सड़क ठीक ना होने से आवागमन में आम जनमानस एवं देश की सुरक्षा में लगे सुरक्षाकर्मियों को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है । यह मार्ग देश तथा उत्तर प्रदेश की भारत नपाल सीमा से लगा क्षेत्र है । यह मार्ग के निर्माण होने से धर्म नगरी अयोध्या व संगम नगरी प्रयागराज तक जाने के लिए प्रमुख मार्ग साबित होगा ।जिससे लाखों क्षेत्रवासियों को आवागमन में सुविधा होगी । इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय इंडो नेपाल सीमा के लिए भी काफी महत्वपूर्ण साबित होगी ।
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