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BALRAMPUR...कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को किया गया नमन



अखिलेश्वर तिवारी
जनपद बलरामपुर मे 26 जुलाई को शहर के अग्रेंजी माध्यम विद्यालय पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज में ‘कारगिल विजय दिवस‘ मनाया गया। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी नें कैप्टन मनोज पाण्डेय के चित्र पर माल्यापर्ण करते हुए आरती उतारी एवं सलामी दिया। उप प्रधानाचार्या शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी एक्टीविटी इंचार्ज एवं ए0के0 तिवारी सहित समस्त अध्यापक अध्यापिकाओं नें शहीदोंं को श्रद्धासुमन अर्पित किया । 


विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी ने बच्चों को संदेश दिया कि कारगिल विजय दिवस स्वतंत्र भारत के सभी देशवासियों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है । भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को यह दिवस मनाया जाता है । इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध हुआ था, जो लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई के दिन भारत की विजय के साथ उसका अंत हुआ । 26 जुलाई 1999 के दिन भारतीय सेना ने कारगिल युद्ध के दौरान चलाए गये ‘ऑपरेशन विजय‘ को सफलता पूर्वक अंजाम देकर भारत को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था। यह दिन है उन शहीदों को याद कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पण करने का, जो हँसते-हँसते मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए । इस युद्ध में हमारे लगभग 527 से अधिक वीर योद्धा शहीद व 1300 से ज्यादा घायल हो गए, जिनमें से अधिकांश अपने जीवन के 30 बसंत भी नही देख पाये थे। इन शहीदों ने भारतीय सेना की शौर्य व बलिदान की उस सर्वोच्च परम्परा का निर्वाह किया जिसकी सौगन्ध हर सिपाही तिरंगे के समक्ष लेता है । जिस राष्ट्रध्वज के आगे कभी उनका माथा सम्मान से झुका होता था, वही तिरंगा मातृभूमि के इन बलिदानी जॉबाजों से लिपटकर उनकी गौरव गाथा का बखान कर रहा था। कारगिल विजय दिवस के अवसर पर विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण एवं कला प्रतियोगिता सम्पन्न कराये गये, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम में ‘‘वो देश मेरे तेरी शान से बढ़कर‘‘ नामक गीत पर समूह नृत्य प्रस्तुत हुआ जिसमें प्रतिभाग करने वाले छात्र व छात्राओं में जयेश, रिद्धि, अक्षत, यशी, अदिक, पलक, जान्हवी, काव्या, अनन्या, हिफजा, ख्याति, सुभ्रा एवं नव्या नें बडे ही मनमोहक दृश्य प्रस्तुत किया। भाषण के अन्तर्गत अर्पित, अनन्या, अभ्युदय, आस्था, अविशी, दिव्यांश, अर्जुन, आव्या, आरूष, मिष्ठी, मिनाक्षी, रिया, श्रृष्टि, श्रैया, वेदांशी, मेधावी, मानवी, आस्था, कृष्णा, मानविक, विराट, अदिती, आकृति, पूर्वी, मान्या छात्र-छात्राओं ने अपना-अपना विचार प्रस्तुत किया। इसी क्रम में कला के अन्तर्गत श्लोक, रिया, सौम्या, मेधावी, आव्या, मानविक एवं आरूष ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया। अंत में विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डॉक्टर तिवारी ने कारगिल विजय दिवस के बारे में बताया कि कोई भी युद्ध हथियारों के बल पर नहीं लड़ा जाता है, यद्ध लड़े जाते है साहस, बलिदान, राष्ट्रप्रेम व कर्तव्य की भावना से और हमारे भारत में इन जज्बों से भरे युवाओं की कोई कमी नहीं है। मातृभूमि पर सर्वस्व न्योछावर करने वाले अमर बलिदानी भले ही अब हमारे बीच नहीं है, मगर उनकी यादें हमारें दिलों में हमेशा-हमेशा के लिए बसी रहेंगी ।

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