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सीमा हैदर के बारे में एक और खुलासा, पोखरा से नारायनघाट और भैरहवा तक आई थी बस, जानिए और क्या क्या छुपा है राज



11 और 12 नंबर की सीट सीमा मीरा ठाकुर के नाम से थी बुक :राम चन्द्र उर्फ राजू बस चालक पोखरा 

सीमा ने चारों बच्चों का नाम प्रियंका मुन्नी राजा और परी बताया था 

वह भारतीय नागरिक के रूप में बार्डर पार की थी 

उमेश तिवारी 

 नेपाल: बताते चलें कि सीमा हैदर सुरक्षा एजेंसियों को पूछताछ में बता रही है कि वह 13 मई 2023 को नेपाल के रास्ते भारत आई थी। सीमा हैदर लगातार कह रही है कि उसने भारत-नेपाल के सोनौली बॉर्डर से एंट्री ली थी, लेकिन कैसे? जानकारी के मुताबिक केंद्रीय एजेंसी और एटीएस टीम को सोनौली बॉर्डर से भारत में नेपाल के अलावा किसी अन्य देश के व्यक्ति के आने की जानकारी नहीं मिली है। इसके बाद सीमा हैदर अपने ही सवाल में खुद गिर गई है। अब सवाल है कि जब सोनौली बॉर्डर से सीमा हैदर नहीं आई तो वह किस रास्ते से भारत आई है? लेकिन सीमा को लेकर आने वाले बस चालक राम चन्द्र उर्फ राजू ने मीडिया को बताया है कि बस पोखरा से नारायनघाट भैरहवा होते हुए बार्डर पार करते हुए मथुरा आगरा होते हुए ग्रेटर नोएडा पहुंची थी। इसका मतलब साफ है या तो सीमा झूठ बोल रही है या फिर बस चालक। अगर बस भैरहवा पहुंची थी तो 80 किमी दूर खुनुवा बार्डर का रास्ता क्यों चुना? जबकि भैरहवा से सोनौली बार्डर की दूरी मात्र 3 किमी है। सीमा किस रास्ते से भारत में घुसी इस रहस्य से पर्दा उठना अभी बाकी है?


सीमा हैदर ने सोनौली बार्डर से भारत में आने की बात कह चुकी है। जिसके बाद एजेंसियों ने सीसीटीवी फुटेज और रिकॉर्ड निकाले, लेकिन अभी तक उसके सोनौली बार्डर से भारत आगमन की पुष्टि नहीं हुई। अभी तक इस बात का वेरिफिकेशन नहीं हुआ है कि सीमा हैदर इसी रास्ते से भारत आई थी। सुरक्षा एजेंसियों और एटीएस ने 13 मई को गुजरने वाली सभी बसों की जांच पड़ताल की है। इसके अलावा 1850 किलोमीटर लंबी भारत-नेपाल सीमा बॉर्डर की सभी जानकारी जुटाई। फिर भी इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि वह किस रास्ते से भारत आई?


भारत-नेपाल मैत्री समझौता के तहत सीमा हैदर आसानी से नेपाल से भारत नहीं आ सकती

भारत और नेपाल के बीच भारत-नेपाल शान्ति और मैत्री समझौता 31 जुलाई 1950 को हुआ था। इस समझौते के मुताबिक अगर भारत-नेपाल बॉर्डर से किसी तीसरे देश का व्यक्ति भारत में एंट्री लेता है तो वहां की पुलिस एजेंसियों को जानकारी देना होता है। जिसके बाद संबंधित एजेंसी जांच करती है और आगे का एक्शन लेती है। रिपोर्ट की माने तो 13 मई 2023 को भारत-नेपाल बॉर्डर से किसी पाकिस्तानी महिला या अन्य व्यक्ति की एंट्री भारत में नहीं हुई। सीमा हैदर के दावे सारे झूठे साबित हो रहे हैं।


7 जुलाई 2023 को जमानत मिली थी

सीमा हैदर और सचिन को जेवर सिविल कोर्ट ने बीते 7 जुलाई 2023 को जमानत दी थी। जमानत देते समय कोर्ट ने कहा था कि किसी भी हालत में सचिन और सीमा हैदर रबूपुरा छोड़कर नहीं जा सकते इसी शर्त पर दोनों को जमानत दी गई थी। साथ ही कोर्ट ने यह शर्त रखी थी कि जब भी पुलिस या खुफिया एजेंसी पूछताछ के लिए बुलाएगी तो सीमा को आना पड़ेगा। इसी शर्त पर दोनों को जमानत मिली है।


कब क्या हुआ

आपको बता दें कि डेढ़ महीने रबूपुरा में सचिन के साथ रहने के बाद 1 जुलाई 2023 की सुबह सीमा और सचिन रबूपुरा से भागकर मथुरा पहुंचे थे। वहां से ग्रेटर नोएडा पुलिस ने दोनों को 3 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया। उसके बाद दोनों को कोर्ट के सामने पेश किया गया। जहां से जेल भेज दिया गया था। सीमा के वकील ने संबंधित दस्तावेज जेवर सिविल न्यायालय के सामने पेश किए। जहां से सीमा हैदर, उसके आशिक सचिन, सचिन के पिता नेत्रपाल और सीमा के 4 बच्चों को 7 जुलाई 2030 को जमानत मिल गई। जमानत देते समय कोर्ट ने कहा था कि सीमा हैदर किसी भी शर्त पर रबूपुरा छोड़कर नहीं जा सकती है। इसी शर्त के साथ उसको जमानत मिली।

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