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भारतीयों पर्यटकों की बरबादी का अड्डा बना नेपाली कैसीनों



उमेश तिवारी

महराजगंज :पड़ोसी देश नेपाल के अचानक इंडियन करेंसी के नोटों को बैन करने से नेपाल घूमने के शौकीनों को तो करेंसी की व्यवस्था करने में माथापच्ची करनी पड़ रही है। लेकिन वहां चलने वाले कैसीनों के धंधे की सेहत पर इस बैन का कोई असर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। मानें तो नेपाल में डेली भारत के बड़े 500 के नोटों की माया से करोड़ों का वारा-न्यारा हो रहा है। कैसीनों संचालक खुद ही कस्टमर्स के बड़े नोटों की अदला-बदली कर ले रहे हैं ताकि उनके धंधे में दिक्कत न हो। हालांकि अगर यहां के लोग नेपाल के कैसीनों में पहुंचने के पहले ही बड़े नोटों के साथ पकड़े जाते हैं तो उनपर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।


भारतीय पर्यटकों  के लिए छुट्टियों में घूमने के लिए  नेपाल सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है। भैरहवा,पोखरा, काठमांडू समेत नेपाल में कई ऐसी जगहें हैं जहां गोरखपुर, लखनऊ , वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़,मऊ, जौनपुर सहित देश के तमाम शहरों कस्बों लोग जाते हैं। हाल ही में अचानक नेपाल सरकार द्वारा भारत के नोट को बैन कर दिया गया। जिसके चलते यहां घूमने जाने वाले लोगों को अब सौ 500 रूपए के नोट ही कैरी करने पड़ रहे हैं। जिसका अधिक रेट पर एक्सचेंज करने मे खर्चा हो रहा है ।


करेंसी एक्सचेंज के धंधे में तेजी

इन दिनों भारतीय नोटों के कनवर्ट करने के धंधे में भी तेजी आई है। गोरखपुर के बैंक रोड और बॉर्डर के पास सोनौली में करेंसी बदली जा रही हैं। इसके बदले दुकानदार10%प्रतिशत तक फायदा कमा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो लोगों को इसके लिए दस हजार पर 10% प्रतिशत कमीशन का भुगतान तक करना पड़ रहा है।



कैसीनों में कोई टेंशन नहीं

वहीं, नेपाल के भैरहवां में कैसीनो, बीयरबार हुक्काबार खुलने के बाद से गोरखपुर समेत दिल्ली और मुंबई से बस्ती ,सिद्धार्थनगर के भी शौकिन लोग यहां पहुंचते हैं। भैरहवां में स्थिति ये है कि जहां पहले यहां एक ही कैसीनों हुआ करता था, अब भीड़ और फायदा देख चार और नए कैसीनों खुल गए हैं। मानें तो कैसीनों में हर दिन दो करोड़ रुपए से ज्यादा की इनकम होती है। वहीं महीनों का अरबों रुपए का कारोबार नेपाल में इंडियंस के भरोसे चल रहा है। इन कैसीनों में नेपाल के लोगों को घुसने की परमिशन तक नहीं है। यहां केवल अदर कंट्री के लोग ही जा सकते हैं। लिहाजा हर दिन सैकड़ों लोग तो केवल गोरखपुर से ही जाकर लाखों रुपए का वारा-न्यारा करते हैं।


कैसीनों संचालकों द्वारा भारतीयों को सोनौली बार्डर से मिलती है टैक्सी की फ्री सेवा 

कैसीनों का धंधा गोरखपुर लखनऊ , महराजगंज से ही पनप रहा है। यहां पर सैकड़ों की संख्या में नियमित जुआरी हैं जिनका नेपाल के कैसीनों में मोबाइल नंबर से लगाए घर का पता तक दर्ज है। गोरखपुर के इन शौकीनों को कोई तकलीफ न हो इसका भी नेपाल के कैसीनों संचालक खूब ध्यान रखते हैं। नेपाल का एक नामी कैसीनों संचालक तो डेली गोरखपुर में एक बस खड़ी करता है जो केवल कैसीनों के शौकीनों को नेपाल तक ले जाती और छोड़ती है। कैसीनों ,मे मुजरा ,डांस रात भर चलता है। इतना ही नहीं बार बालाओं का भी इंतजाम भी कैसीनों संचालकों द्वारा किया गया है।

भारतीय युवक नेपाल मे जाकर नेपाली शराब का सेवन कर रहे हैं और घरो मे चोरी कर कैसीनों में जाकर लुटा रहे हैं। कैसीनों के बास लड़कियां आगे पीछे घूमती है जब शराब का नशा उतर जाता है तब कैसीनों के बाहर मिलते है और अपना सब कुछ लुटाकर वापस रोते बिलखते वापस अपने घर चले जाते हैं।

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