आयुष मौर्या
धौरहरा खीरी। सावन के तीसरे सोमवार पर धौरहरा क्षेत्र में जालिम नगर पुल के समीप सरयू नदी के तट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ा। रविवार शाम से ही श्रद्धालु सरयू नदी के तट पर पहुंचने लगे और रात भर कीर्तन-भजन करने के बाद सुबह नदी में स्नान कर दान किया । व्यवस्था को लेकर कोतवाली पुलिस मौजूद रही । इस बार सरयू तट पर नाव व गोताखोरों की व्यवस्था न होने के कारण किसी भी आपात स्थिति से निपटने की व्यवस्था नहीं है।
सावन माह में क्षेत्र के जालिम नगर पुल के समीप सरयू नदी के तट पर भक्तों का तांता लगा रहता है। श्रद्धालु पूरे महीने तट पर रात्रि विश्राम कर पवित्र सरयू नदी में स्नान दान करने के साथ ही आस पड़ोस के शिव मन्दिरों सहित छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ व बहराइच जनपद के बूढ़ेश्वर नाथ महादेव मंदिर में जल अर्पण करते हैं । जालिम नगर पुल के समीप सरयू नदी में स्नान करने व जल भरकर पवित्र शिव मन्दिरों में अर्पण करने के लिए धौरहरा क्षेत्र ही नहीं पूरे खीरी जनपद सहित सीतापुर व बहराइच जनपद से श्रद्धालु आते हैं । सरयू नदी में स्नान कर श्रद्धालु आस पास के शिव मन्दिरों सहित बुढेश्वर नाथ मंदिर सहित छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ में जल अर्पण करते हैं। सावन माह के तीसरे सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू नदी में स्नान किया । श्रद्धालु रविवार की शाम से ही सरयू नदी के तट पर पहुंचने लगे थे । पूरी रात कीर्तन-भजन करने के बाद श्रद्धालुओं ने पवित्र सरयू नदी में स्नान किया। उसके बाद आस पास स्थति शिव मन्दिरों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया । अधिकतर श्रद्धालु कांवरिया लेकर छोटी काशी गोला गोकर्णनाथ व बहराइच जनपद के बूढ़ेश्वर नाथ महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया। सुरक्षा की दृष्टि से सीओ पीपी सिंह व कोतवाल दिनेश कुमार सिंह की अगुवाई में उपनिरीक्षक संजय कुमार सिंह, उपनिरीक्षक इंसाफ अली सहित महिला पुलिस बल मौजूद रहा।
सरयू तट पर इस बार नहीं है आपात स्थिति से निपटने की व्यवस्था
सरयू तट पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर जहां पुलिस बल मुस्तैदी के साथ मौजूद हैं । जबकि हजारों की संख्या में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के स्नान के समय आपात स्थिति से निपटने के लिए नदी तट पर कोई भी सुविधा मौजूद नहीं है । नदी में स्नान करते समय श्रद्धालु व कुछ अराजकत्व नदी में गहराई की की तरफ जाते हैं । जिन्हें वापस बुलाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। विगत दिनों सरयू तट पर नाविकों के साथ ही प्रशासन द्वारा नदी में गोताखोर को तैनात किया जाता रहा है। नदी में नाविकों संग लगी नावों में बैठकर पुलिस के जवान नदी की गहराई में जाने वाले श्रद्धालुओं पर नजर रखते थे। इस बार नाव व गोताखोर न होने के चलते किसी भी तरह की आपात स्थिति होने पर पुलिस उससे निपटने के लिए सक्षम नहीं है।
नदी तट पर क्या क्या व्यवस्था है या क्या व्यवस्था की जानी है , इसकी मुझे जानकारी नहीं है। क्षेत्रीय लेखपाल से बात करके ही कुछ कहा जा सकता है। व्यवस्थाओं में कमी होने पर व्यवस्थाएं ठीक करवा दी जाएंगी।
आदित्य विशाल तहसीलदार धौरहरा।
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