वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़ सृजना साहित्यिक संस्था उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में सरस कुटीर में वरिष्ठ साहित्यकार कुंज बिहारीलाल मौर्य काकाश्री की कृति मैं हूँ तेरा लल्ला का लोकार्पण एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया।यह कृति एक बाल गीत संग्रह है जिसमें 76 बाल गीतों का संग्रह है।इससे पूर्व काकाश्री का काव्य संग्रह रस वाटिका भी प्रकाशित हो चुका है।कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार दयाराम मौर्य रत्न ने कहा कि बाल साहित्य लेखन सर्वाधिक समाजोपयोगी साहित्य है।मैं हूँ तेरा लल्ला की प्रत्येक रचना बाल केन्द्रित एवं गूढ सकारात्मक संदेश से परिपूर्ण है।
मुख्य अतिथि विज्ञान भूषण विजय चितौरी ने कहा कि बाल साहित्य लेखन बेहद दुष्कर कार्य है।मैं हूँ तेरा लल्ला की रचनाएं कालजयी हैं।प्रत्येक रचना बालमन के पथप्रदर्शन का कार्य करेगी।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में एलायंस क्लब इंटरनेशनल के अन्तर्राष्ट्रीय निदेशक रोशनलाल ऊमर वैश्य,अम्मा साहेब ट्रस्ट के ट्रस्टी आनंद मोहन ओझा,पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा ओम प्रकाश त्रिपाठी,पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमोद कुमार मौर्य,प्रबंधक एंजिल्स इंटर कालेज प्रतापगढ़ डाॅ० शाहिदा,विकास अधिकारी राजीव कुमार आर्य एवं वरिष्ठ साहित्यकार संगम लाल त्रिपाठी भंवर की गरिमामयी उपस्थिति रही।काव्यपाठ करने वालों में प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम,लखन प्रतापगढ़ी,अमरनाथ सिंह,रामनिहोर,श्रीनाथ मौर्य सरस,राधेश्याम दीवाना, अमरनाथ गुप्ता बेजोड़, विकास हमराही आदि प्रमुख रहे।कार्यक्रम का संचालन अनिल कुमार निलय द्वारा किया गया।
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