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सचिन के लिए लांघी भारत-पाक सरहद, सलाखों के पीछे कैसे पहुंचीं सीमा गुलाम हैदर, प्रेम कहानी की दास्तां जो खिसका दे पैरों तले जमी



उमेश तिवारी 

एक छोटा सा कमरा, बिना बिस्तर के पड़ी दो चारपाइयां, सामने दीवार की ताक पर करीने से रखे हुए छह कप और छह कटोरियां, कुछ मसाले के डिब्बे और जरूरत भर का कुछ सामान।


ये कमरा पाकिस्तानी नागरिक सीमा गुलाम हैदर की पूरी दुनिया बन गया था। यहां सीमा अपने चार बच्चों के साथ पिछले करीब डेढ़ महीने से सचिन मीणा के साथ रह रही थी।


ग्रेटर नोएडा का ये कमरा अब खाली पड़ा है। जल्दबाजी में सीमा अपनी पायल और बालियां भी पीछे छोड़ गई है, जो मोहब्बत की हैरान करने वाली कहानी बयां कर रही है।


बताते चलें कि पब्जी गेम खेलते हुए पाकिस्तान की नागरिक सीमा गुलाम हैदर भारत के सचिन मीणा को अपना दिल दे बैठी थीं।

ऑनलाइन गेम खेलते हुए दोनों का प्यार ऐसा परवान चढ़ा कि सीमा चार बच्चों के साथ बिना वीजा के सरहद लांघकर सचिन के पास आ गई।


लेकिन अब ये प्रेम कहानी पुलिस और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के जाल में उलझ गई है और दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।


सवाल है कि सीमा गुलाम हैदर बिना वीजा के भारत कैसे पहुंची?

सीमा पाकिस्तान में कहां रहती थी? दोनों की प्रेम कहानी कैसे शुरू हुई और कैसे दोनों ने डेढ़ महीना एक किराए के कमरे में बिताया और आखिर परिवार के समझाने के बाद भी सचिन ने क्यों नहीं माने?


फरवरी, 2014 में सीमा की शादी पाकिस्तान में सिंध प्रांत के रहने वाले गुलाम हैदर से हुई थी। इस शादी से उन्हें तीन लड़कियां और एक लड़का हुआ।

सीमा के पति गुलाम हैदर कराची में टाइल्स लगाने का काम करते थे, जो साल 2019 में काम के सिलसिले से सऊदी अरब चले गए थे।

पति के जाने के बाद सीमा अकेली हो गई और उसका ज्यादा समय ऑनलाइन गेम पब्जी खेलने में बीतने लगा। यह वो समय था जब ऑनलाइन पब्जी खेलते हुए सीमा की मुलाकात उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में रहने वाले सचिन मीणा से हुई।

सीमा कहती है कि मैं दिन में दो से तीन घंटे पब्जी खेलती थी और सचिन से मेरी जान पहचान पब्जी खेलते हुए ही हुई।

दोनों ने एक दूसरे के नंबर एक्सचेंज किया और घंटों फोन पर बातें करने लगे। करीब तीन साल तक दोनों का प्यार गहराता चला गया। आखिर में सीमा गुलाम हैदर ने तय किया कि उसे अब सिर्फ सचिन मीणा के साथ ही रहना है।



सीमा हैदर की सचिन से पहली मुलाकात

सीमा गुलाम हैदर ने एक बड़ा फैसला लिया। सचिन मीणा से मिलने के लिए सीमा गुलाम हैदर ने नेपाल का टूरिस्ट वीजा लिया और शारजाह के रास्ते काठमांडू पहुंचीं।


सचिन ने गिरफ्तार होने के बाद मीडिया के साथ बातचीत में बताया, “ये(सीमा) नेपाल आई थी। नेपाल में हम 10 मार्च को मिले थे। वहां हम कुछ दिन साथ रहे और सीमा वापस पाकिस्तान चली गई।


पुलिस के मुताबिक सीमा ने काठमांडू के एक होटल में सचिन के साथ सात दिन बिताए और वापस चली गई।

सचिन मीणा, सीमा गुलाम हैदर के साथ गिरजेश कुमार के यहां किराए का कमरा लेकर रह रहे थे।



बिना वीजा के भारत में एंट्री

पहली मुलाकात के बाद सीमा वापस तो चली गई लेकिन अभी कुछ और बड़े कदम उठाने बाकी थे।

सीमा गुलाम हैदर ने करीब दो महीने के बाद फिर से नेपाल का टूरिस्ट वीजा लगवाया, लेकिन इस बार सीमा के साथ उसके चार नाबालिग बच्चे भी थे।

वह शारजाह से नेपाल पहुंचीं और वहां से बस पकड़कर दिल्ली आ गईं। पुलिस ने सीमा और सचिन के पास से पोखरा,

काठमांडू से दिल्ली जाने वाली बस का एक टिकट भी बरामद किया है।

ग्रेटर नोएडा के डीसीपी साद मियां खान ने बताया, “सीमा मूल रूप से सिंध की रहने वाली हैं, जो कराची में रह रही थी। उसने यू-ट्यूब वीडियो देखा और एक ट्रेवल एजेंट के माध्यम से नेपाल का टिकट करवाया। नेपाल से वह बस के जरिए सचिन से मिलने आई।

साद मियां के मुताबिक सीमा ने तय कर लिया था कि अब उसे सचिन के साथ ही रहना है।

उन्होंने बताया कि सीमा के पास एक प्लाट था। पूरी तरह भारत शिफ्ट होने के लिए सीमा ने वह प्लाट बारह लाख रुपये में बेच दिया था।


साथ रहने के लिए लिया किराए का कमरा

सचिन, उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा के रहने वाला है । इसी कस्बे में सीमा और उसके बच्चों को अपने साथ रखने के लिए सचिन मीणा ने पूरी तैयारी की हुई थी।

सीमा के आने से दो दिन पहले ही सचिन ने रबूपुरा के अंबेडकर मोहल्ले में गिरजेश से संपर्क किया कि उसे एक कमरा किराए पर चाहिए।

गिरजेश के मकान में कई किराएदार रहते हैं। दो मंजिला घर की पहली मंजिल पर ही किराएदारों के लिए छह कमरे बने हुए हैं। गिरजेश ने एक कमरा 2500 रुपये प्रति महीने की दर से सचिन को दे दिया।

गिरजेश बताते हैं, “हमारा कमरा खाली पड़ा था, इसलिए हमने दे दिया। सचिन करीब 13 मई से चार-पांच दिन पहले कमरे की बात करके गया था। उसने कोर्ट मैरिज की बात बताई थी और कहा था कि उसकी पत्नी और बच्चे कमरे में रहेंगे। महिला के बारे में सचिन ने बताया था कि वह यूपी के शिकारपुर की रहने वाली है और वह हमारे कस्बे का ही था तो शक करने जैसी कोई बात ही नहीं थी।

एक छोटे से कमरे में सीमा और उसके चार बच्चों के साथ सचिन मीणा ने रहना शुरू कर दिया। वह पास में ही एक परचून की दुकान पर करीब छह हजार रुपये में काम करता था।

गिरजेश बताते हैं, “सीमा की तीन लड़कियां और एक लड़का था। लड़का सबसे बड़ा था जिसकी उम्र करीब आठ साल थी और सबसे छोटी लड़की की उम्र करीब दो साल रही होगी।


हिंदू बनकर रहती थी सीमा गुलाम हैदर

मकान मालिक गिरजेश और दूसरे किराएदारों को कभी सीमा गुलाम हैदर के धर्म और उसकी नागरिकता को लेकर शक नहीं हुआ। इसकी वजह उनका रहन सहन था।


गिरजेश की पत्नी राजकुमारी कहती हैं, “हमारी उससे थोड़ी बहुत बात होती रहती थी। जब पुलिस आई तभी हमें सच्चाई का पता चला। वह पूरा मेकअप करती थी, बिंदी लगाकर रखती थी। कभी कभी वह मांग में सिंदूर भी लगाती थी।

इस डेढ़ महीने में ईद भी आई लेकिन सीमा गुलाम हैदर ने ऐसा कुछ नहीं किया कि लोगों को उस पर शक हो।

राजकुमारी बताती हैं, “वह पूजा-पाठ नहीं करती थी, न ही उसने ईद पर कुछ ऐसा किया जिससे हमें शक होता। उसके यहां साधारण दाल, सब्जी और रोटी ही बनती थी, कभी हमने नहीं देखा कि उसके यहां चिकन बना हो।


राजकुमारी की सास भागवती कहती हैं, “वह हिंदू बनकर रहती थी, चूडी, बिंदी और पैर में बिछुआ तक पहनती थी। आखिर के दो दिन तो उसने साड़ी भी पहनी थी, लेकिन ज्यादा वो सूट-सलवार ही पहनती थी। देखने में उसके बच्चे और वो बहुत सुंदर थे।

मकान मालिक गिरजेश के मुताबिक कभी कभी सीमा और सचिन बीड़ी पीने को लेकर लड़ते भी थे। गिरजेश बताते हैं कि सचिन को सीमा का बीड़ी पीना अच्छा नहीं लगता था।

दो मौकों पर गिरजेश ने सचिन को लड़ाई के शोर के चलते कमरा खाली करवा लेने की धमकी भी दी थी।


बीरबल, सचिन मीणा के चाचा

मकान मालिक गिरजेश बताते हैं, “सचिन ने कमरा किराए पर लेने से पहले अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड की कॉपी दी थी। सचिन के मां और पिता उससे मिलने यहां आए थे। सचिन की एक शादीशुदा बहन सीमा के लिए साड़ी भी लाई थी। मुझे लगा कि जब परिवार वाले भी मिलने आ रहे हैं तो सब नॉर्मल है।

सचिन का अपना घर भी रबूपुरा कस्बे में ही है। किराए के कमरे से महज पांच मिनट की दूरी पर दो कमरों के मकान में उनके पिता रहते हैं, जो माली का काम करते हैं।

सचिन के चाचा बीरबल बताते हैं कि उनके भाई नेत्रपाल ने पत्नी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी की थी। पहली शादी से उन्हें तीन बच्चे हुए थे जिसमें से सचिन दूसरे नंबर के हैं और बाकियों की शादी हो गई है। वहीं दूसरी पत्नी से दो बच्चे हैं जिनके साथ अब वे रहते हैं।


सचिन की प्रेम कहानी की भनक उनके चाचा बीरबल को काफी पहले लग गई थी, लेकिन सचिन ने उनकी एक नहीं सुनी।


बीरबल बताते हैं, “छह-सात महीने पुरानी बात है। सचिन घर की छत पर किसी से बात करता था। मैंने एक बार इसे पकड़ा कि दो-दो घंटे किस से फोन पर बात करता है। उस समय उसने कुछ नहीं बताया। ये कुछ दिन चलता रहा।

फिर एक दिन मैंने उसे पकड़ा। तब सचिन ने बताया कि मैं पब्जी खेलता हूं। मेरा पाकिस्तान की एक लड़की से अफेयर चल रहा है और हम दोनों प्यार करते हैं। वो भारत आना चाहती है। मैंने सचिन के सामने हाथ पैर जोड़े कि हम गरीब आदमी हैं, घर में आटा तक नहीं है। तू इस काम को मत करना। ये बहुत बुरा काम है।




हरियाणा से गिरफ्तारी

सीमा हैदर और सचिन मीणा ने एक जुलाई को जल्दबाजी में अपना सामान पैक कर किराए का कमरा छोड़ दिया था।

उन्हें जरूर ये जानकारी मिल गई थी कि पुलिस उनके पीछे है। पुलिस ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर चार जुलाई को उन्हें हरियाणा के बल्लभगढ़ से गिरफ्तार किया गया।

इस मामले में सचिन के पिता नेत्रपाल मीणा को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने अभियुक्तों के पास से दो वीडियो कैसेट, चार मोबाइल फोन, एक सिम, एक टूटा हुआ मोबाइल फोन, एक परिवार रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, चार जन्म प्रमाण पत्र, एक मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, तीन आधार कार्ड, एक पाकिस्तानी नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी मिनिस्ट्री ऑफ इंटीरियर की सूची, छह पासपोर्ट, पांच वैक्सीनेशन कार्ड और एक बस टिकट बरामद की है।


पुलिस ने सचिन मीणा, उनके पिता नेत्रपाल और सीमा गुलाम हैदर के खिलाफ विदेशी अधिनियम की धारा 14, 120 बी और पासपोर्ट(भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।


सीमा और सचिन ने साथ रहने के लिए न सिर्फ सरहदों को लांघा बल्कि उन्होंने तमाम सुरक्षा एजेंसियों को भी झांसे देने में कामयाब रहे। सचिन और सीमा दोनों अब सलाखों के पीछे हैं, फिर भी उनकी उम्मीद टूटी नहीं है, क्योंकि दोनों का कहना है कि वे एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं और सरकार से मांग की है कि उनकी शादी करवा दी जाए।

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