उमेश तिवारी
महराजगंज :उत्तर प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन ने कच्चा चावल व स्टीम चावल के निर्यात में आ रही समस्या को लेकर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी को को ज्ञापन पत्र सौंपा है।
उत्तर प्रदेश राइस एक्सपोर्ट फेडरेशन के वरिष्ठ सदस्य राजाराम ने बताया कि भारतीय मिलों द्वारा मुख्यत: दो प्रकार का चावल तैयार किया जाता है। इसमें कच्चा चावल जिसमें धान को बिना उबाले कुटाई किया जाता है। इसमें चावल का स्वरूप कच्चा ही रहता है। जिसके निर्यात पर भारत सरकार द्वारा 20 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाया गया है। दूसरा है पारबाइल्ड चावल । इसमें धान से चावल निकालने से पहले उसे आंशिक रूप से उबाला जाता है। जिसे स्टीम चावल भी कहा जाता है।
कुछ मिलों द्वारा लाखों लीटर भूतिगत जल को बरवाद होने से बचाने के लिए एडंवास तकनीक स्टीम का सहारा लिया जाता है। इस पारवाइल्ड राइस को स्टीम्ड राइस कहते हैं। कस्टम विभाग द्वारा पारबाइल्ड चावल को भी कच्चे चावल के समान रोका जा रहा है। कच्चे चावल की तरह 20 प्रतिशत सीमा शुल्क के वसूल किया जा रहा है। जो गलत है। मिलरों ने मिलरों की कठिनाइयों को देखते हुए उचित कार्यवाही कराने की मांग की है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ