उमेश चन्द्र त्रिपाठी
पाकिस्तान में कराची के मलीर कैंट थाने की पुलिस को जिस सीमा गुलाम हैदर और उनके चार बच्चों की तलाश है, वे इन दिनों ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा में रह रहे हैं। शुक्रवार, 7 जुलाई को ही उत्तर प्रदेश के जेवर सिविल कोर्ट ने सीमा गुलाम हैदर और उसके प्रेमी सचिन मीणा को राहत दी है। कोर्ट ने उन्हें बिना पता बदले और देश न छोड़ने की शर्त पर जमानत दी है।
अपने पति को छोड़, बच्चों के साथ नेपाल के रास्ते बिना वीजा के भारत आने के जुर्म में पुलिस ने उन्हें चार जुलाई की सुबह गिरफ्तार किया था। सीमा को साल 2019 में ऑनलाइन पब्जी गेम खेलते हुए ग्रेटर नोएडा में रबूपुरा के रहने वाले सचिन मीणा से प्रेम हो गया था, लेकिन इस प्रेम के बीच न सिर्फ परिवार बल्कि दो देशों की एक ऐसी सरहद खिंची हुई थी जो दशकों से एक दूसरे के 'दुश्मन' जैसे हैं।
सीमा पाकिस्तान के उस इलाके से आती हैं जहां लड़कियां अपने प्रेम को अक्सर जाहिर नहीं करती। हर साल अपने प्यार का खुलेआम इजहार करने के 'आरोप' में यहां दर्जनों लड़कियों को मार दिए जाने की रिपोर्टें भी सामने आती हैं।
लेकिन सीमा ने न सिर्फ प्यार का इजहार किया बल्कि उन्होंने अपने पति गुलाम हैदर को छोड़कर भारत में अपने प्रेमी के साथ रहने की ठान ली और एक सुबह उस सफर पर निकल पड़ीं जो मुश्किलों से भरा था।
हम आपको बताएंगे कि सीमा पहली बार सचिन से कब मिलीं, कैसे वो नेपाल के रास्ते उत्तर प्रदेश के रबूपुरा पहुंची? कैसे सीमा ने करीब डेढ़ महीना सचिन के साथ समय बिताया और आखिर वो कौन सी गलती सीमा से हुई कि वो जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गई।
नेपाल से ग्रेटर नोएडा का सफर
सीमा गुलाम हैदर ने पुलिस को बताया कि भारत का वीजा न मिलने के चलते उसने नेपाल का वीजा लिया। वह 10 मार्च को शारजहां होते हुए नेपाल पहुंची थी। यहां सचिन मीणा उनसे मिलने आए थे। दोनों ने काठमांडू के न्यू बस पार्क इलाके में मौजूद न्यू विनायक होटल में एक कमरा लिया और यहां दोनों सात दिनों तक रहे।
इसके बाद सीमा गुलाम हैदर वापस पाकिस्तान चली गई थी। ठीक दो महीने बाद सीमा हैदर फिर से टूरिस्ट वीजा लेकर नेपाल पहुंची। इस बार सीमा के साथ उसके चार बच्चे भी थे, लेकिन सचिन भारत में ही था।
एफआईआर के मुताबिक सीमा ने बताया, "मैं अपने चार बच्चों के साथ काठमांडू से पोखरा तक वैन गाड़ी से आई। रात हो जाने के कारण मैं वहीं (पोखरा में ही रूकी और अगले दिन पोखरा से दिल्ली की बस पकड़ ली।
काठमांडू से पोखरा करीब 200 किलोमीटर दूर है और बस से करीब सात घंटे लगते हैं। पोखरा से दिल्ली आने के लिए सीमा ने सृष्टि यातायात की एसी डिलक्स में तीन टिकट (सीट नंबर 9, 10, 11) बुक करवाई। उसने पांच हजार रुपये प्रति टिकट की दर से बस वाले को पंद्रह हजार रुपये दिए।
सृष्टि यातायात ने मीडिया को बताया कि पोखरा से दिल्ली की टिकट का किराया नेपाली पांच हजार रुपये हैं। रूट की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पोखरा से दिल्ली पहुंचने में करीब 28 घंटे लगते हैं और बस पोखरा से उत्तर प्रदेश के सोनौली बॉर्डर(महाराजगंज जिला) होते हुए आगरा, नोएडा और फिर दिल्ली पहुंचती है।
यात्रा के दौरान सीमा हैदर लगातार सचिन के संपर्क में थीं। एफआईआर के मुताबिक अपने चार बच्चों के साथ 13 जुलाई की रात सीमा हैदर यमुना एक्सप्रेस-वे पर फलैदा कट के पास उतर गई, जहां सचिन मीणा उसका इंतजार कर रहा था।
यहां से सचिन, सीमा और बच्चों को ग्रेटर नोएडा में रबूपुरा के अंबेडकर महोल्ले में ले गया। यहां सचिन ने गिरजेश नाम के व्यक्ति से एक कमरा किराए पर पहले से ले रखा था। इस कमरे का किराया 2500 रुपये प्रति महीना है।
मीडिया से बातचीत में मकान मालिक गिरजेश ने कहा, "सचिन हमारे कस्बे का है। वह 13 मई से चार पांच दिन पहले कमरा किराए पर लेने के लिए आया था। उसने कहा था कि उसकी कोर्ट मैरिज हुई है और वह अपने पत्नी और बच्चों के साथ कमरे में रहेगा। हमने आधार कार्ड और पैन कार्ड लेकर उसे कमरा किराए पर दे दिया।
सचिन से शादी का सपना
रबूपुरा के अंबेडकर मोहल्ले में सीमा और उनके बच्चों ने सचिन के साथ रहना शुरू कर दिया। सचिन घर के पास ही एक किराना की दुकान पर पिछले तीन साल से काम कर रहे था, जहां से वह दिन में अक्सर खाना खाने घर आ जाता था।
सीमा के पड़ोसियों का कहना है कि वह ज्यादातर समय घर के अंदर ही रहती थी। उनके धर्म और नागरिकता को लेकर किसी को कभी कोई शक नहीं हुआ।
मकान मालिक गिरजेश की पत्नी बताती हैं, "वह पूरा मेकअप करती थी, बिंदी, सिंदूर लगाती थी साड़ी भी पहनती थी। इस बीच ईद भी आई लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया जिससे उस पर किसी को शक होता।
सब कुछ अच्छा चल रहा था
एफआईआर के मुताबिक सचिन ने सीमा को कमरे पर लाने के चार- पांच दिन बाद सारी बात अपने पिता नेत्रपाल को बताई। बात सुनकर पिता ने सीमा से मिलने की इच्छा जाहिर की, जिसके बाद सचिन ने एक जंगल में सीमा को अपने पिता से मिलवाया।
सीमा ने सचिन के साथ रहने और शादी करने की बात पिता नेत्रपाल से कही। जवाब में उन्होंने कहा, "अब आप यहां आ गई हो और आप पाकिस्तान की रहने वाली हो। आपके बच्चों का रहन-सहन पाकिस्तान का है ,आप यहां का रहन-सहन सीख लो तो हम आपकी शादी अपने बेटे सचिन से करवा देंगे।
सीमा-सचिन एक साथ रह रहे थे इस बात की जानकारी न सिर्फ पिता बल्कि उनकी बेटी को भी थी। मकान मालिक गिरजेश बताते हैं कि पिता और सचिन की बहन उनसे मिलने इस कमरे पर भी आई थीं और उसके लिए साड़ी भी लाई थीं।
सचिन के चाचा बीरबल भी इसकी पुष्टि करते हैं, वे कहते हैं कि छह महीने पहले सचिन ने उन्हें सीमा के बारे बताया था, लेकिन उनके समझाने के बाद भी वह नहीं माना।
कैसे पकड़ी गईं सीमा गुलाम हैदर
सीमा जल्द से जल्द सचिन से शादी कर लेना चाहती थीं, इसके लिए दोनों ने वकील से बात भी की थी। एफआईआर के मुताबिक सीमा ने बताया कि 30 जून को सचिन के पिता नेत्रपाल कमरे पर आए और कोर्ट मैरिज करवाने की बात कही।
उन्होंने कहा कि सचिन पहले से बुलंदशहर गया हुआ है और आप (सीमा) अपने कागजात लेकर बुलंदशहर कोर्ट चले जाओ।
पुलिस के मुताबिक इसके बाद सीमा अपने चार बच्चों के साथ बुलंदशहर कोर्ट पहुंची, जहां सीमा और बच्चों के पासपोर्ट देखकर वकील ने कहा, "आप तो पाकिस्तान की रहने वाली हैं। आपकी शादी सचिन के साथ नहीं हो सकती। इसके बाद मैं, सचिन और उनके पिता वापिस रबूपुरा आ गए।
यहीं से कहानी पुलिस के जाल में उलझना शुरू हो गई। वापस आने के बाद सीमा और सचिन को डर हो गया कि अब 'पुलिस को इस बात की जानकारी लग जाएगी और हम लोग पकड़े जाएंगे।
30 जून की ही रात सीमा हैदर ने अपने बच्चों को साथ लिया, अपना सामान पैक किया और रबूपुरा से निकल गईं।
अगली सुबह यानी एक जुलाई को सचिन सुबह काम करने के लिए दुकान पर गया लेकिन कुछ ही देर में छुट्टी ले ली।
दुकान मालिक ने मीडिया से बातचीत में कहा, "1 जुलाई को सचिन सुबह करीब आठ बजे दुकान आया था लेकिन आते ही उसने कहा कि उसे कुछ काम है और वह चला गया।
मकान मालिक के मुताबिक एक जुलाई को ही पुलिस सीमा और सचिन की तलाश करती हुई उस किराए के कमरे पर भी पहुंची, जहां वे रह रहे थे, लेकिन उन्हें वहां कोई नहीं मिला।एफआईआर के मुताबिक तीन जुलाई की रात करीब आठ बजे मुखबिर की सूचना पर रबूपुरा थाना अध्यक्ष सुधीर कुमार अपनी टीम को लेकर निकले। पुलिस ने हरियाणा में बल्लभगढ़ से सचिन के साथ सीमा और चार बच्चों को चार जुलाई की सुबह एक बजे हिरासत में लिया।
पुलिस ने सचिन मीणा, उनके पिता नेत्रपाल और सीमा गुलाम हैदर के खिलाफ विदेशी अधिनियम 1946 की धारा 14 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सात जुलाई को उत्तर प्रदेश के जेवर सिविल कोर्ट ने पिता समेत दोनों को राहत देते हुए जमानत दे दी है।
कहां की रहने वाली हैं सीमा
सीमा गुलाम हैदर सिंध के खैरपुर जिले के रहने वाली हैं। ये इलाका खजूर की खेती के लिए जाना जाता है। ये आखिरी आजाद रियासत थी जो बाद में पाकिस्तान में शामिल हो गई।
सीमा के पति गुलाम हैदर जकोबाबाद के रहने वाले हैं। सीमा और गुलाम हैदर दोनों बलोच हैं। गुलाम हैदर मिस्ड कॉल का जवाब देने के क्रम में सीमा हैदर के संपर्क में आया था। दोनों में बातचीत शुरू हुई और फिर उन्होंने मोहब्बत का इजहार किया।
शादी में आने वाली मुश्किलों को देखते हुए सीमा ने अपना घर छोड़ दिया था। घर छोड़ने के बाद सीमा ने गुलाम हैदर से कोर्ट में शादी कर ली।मामला पंचायत में गया और गुलाम हैदर के परिवार वालों को जुर्माना देना पड़ा।
बीवी के कहने पर गुलाम हैदर कराची चला आया। यहां वो ऑटो रिक्शा चला कर और मजदूरी करके खर्च चला रहा था और साल 2019 में वह काम के लिए सऊदी चला गया था।
सीमा हैदर कराची में गुलिस्तां-ए-जौहर इलाके के पास धानी बख्श गोठ गांव में किराए के कमरे पर रहीं थीं।उसका घर तीसरी मंजिल पर था। जबकि मकान मालिक का परिवार ग्राउंड फ्लोर पर रहता था।
शुरू में सीमा के साथ उसके पिता, भाई और बहन भी उसी घर में रहते थे। आधा किराया पिता देते थे और आधा सीमा। लेकिन किराये देने को लेकर अक्सर उनमें झगड़ा भी होता रहता था।
बहन की शादी होने और भाई के सेना में भर्ती होने के बाद सीमा के साथ सिर्फ पिता ही रह गए थे। पिछले साल उसके पिता की मौत हो गई। मकान मालिक मंजूर हुसैन ने बताया कि एक दिन सीमा ने कहा कि वह गांव जा रही है, फिर उसके बाद वो कभी नहीं लौटी।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ