राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता ने संसद सत्र में मोदी सरकार पर परम्पराओं व नियमों के विपरीत कामकाज पर जतायी असहमति
कुलदीप तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। राज्य सभा में विपक्ष के उपनेता, स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने मणिपुर के दौरे पर इण्डिया विपक्षी गठबंधन के सांसदो के द्वारा वहां के हालात के आकलन को बेहद चिंताजनक करार दिया है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्षी दलों के सांसदों ने वहां पीडितो से मुलाकात मे जिस तकलीफ और भयावह दर्द का अनुभव किया है वह आजाद भारत के इतिहास में सर्वाधिक पीड़ादायक घटनाचक्र बयां करता है। उन्होने कहा कि जिस बर्बरता और वीभत्सता के साथ मणिपुर में एक मां के सामने बेटी तथा परिवार की नृशंस हत्या की गयी और जिस तरह से वहां के हालात पर केन्द्र एवं मणिपुर प्रदेश भाजपा सरकारों ने मूकदर्शिता ओढ़ रखी है वह बेहद शर्मनाक है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्षी दलों के सांसदों ने वहां के राज्यपाल से मुलाकात करते हुए पीड़ितो से हुई मुलाकात का दर्द उन्हें सुनाया है। प्रमोद तिवारी ने जतायी गयी तीखी प्रतिक्रिया मे कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी भी मणिपुर की भयावहता की जानकारी में हैं इसलिए वह संसद में बयान देने से मुंह मोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के सीमावर्ती राज्य में अशांति के भयावह दौर में अब तो प्रधानमंत्री को चुप्पी तोड़नी चाहिए और हर कीमत पर संसद के जरिए देश की जनता को विश्वास मे लेना चाहिए। उन्होने कहा कि मणिपुर जल रहा है, श्रीनगर में छुटटी पर आये फौजी का अपहरण हो रहा है और विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा समेत मंहगाई और बेरोजगारी पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी ला चुका है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि देश मे उत्पन्न इन चिन्ताजनक हालातों के बीच भी भाजपा सरकार संसद में अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार किये जाने के बावजूद दस दिन की अवधि का सरकारी कामकाज निपटाने में नैतिकता तथा संसदीय परम्पराओं के उल्लंघन के जरिए राजकाज को भी संदिग्ध दिशा दे रही है। उन्होने कहा कि संसद की गरिमा और परम्परा तथा संविधान सरकार को सदैव यह निर्देशित करता रहा है कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के बीच शोर शराबे का सहारा लेकर गैरकानूनी तरीके से सरकारी कामकाज निपटाना औचित्य का सवाल खड़ा करता है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सोमवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी बयान में कहा है कि सरकार की गलत आर्थिक दिशा तथा बाजार में अनियंत्रण के चलते इस समय सब्जियों तक की कीमतों में जून की अपेक्षा जुलाई में मंहगाई का ग्राफ दोगुना हो गया है। उन्होनंे कहा कि देश के कुछ हिस्सों मे भीषण बाढ़ तथा कुछ हिस्सों मे सूखे के हालात के कारण किसान दोनों स्थितियों में फसल की लागत तक वापस पाने की स्थिति मे नही है। उन्होने कहा कि इसके बावजूद मोदी सरकार खेती किसानी के लिए एक भी कारगर कदम नहीं उठा रही है। वहीं राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सोमवार को गृह जनपद प्रतापगढ़ में स्कूली वाहन में दुर्घटना के चलते एक मासूम छात्रा मानसी की मौत तथा सात अन्य मासूम के चुटहिल होने पर गहरा दुख जताया है। उन्होनें घायल मासूमों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ सरकार एवं प्रशासन से इन बच्चों के सरकारी स्तर पर बेहतर इलाज के समुचित प्रबन्ध सुनिश्चित कराये जाने को कहा है।
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