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पीएम नरेंद्र मोदी के गोरखपुर आगमन को लेकर भारत- नेपाल बार्डर पर कड़ी चौकसी, पुलिस, एसएसबी व खुफिया एजेंसियां अलर्ट



उमेश तिवारी

महराजगंज: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गोरखपुर आगमन को लेकर भारत - नेपाल बार्डर पर चौकसी कड़ी कर दी गई है। सोनौली बार्डर पर पुलिस, एसएसबी और खुफिया एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट हैं।

बताते चलें कि जनपद के 84 किलोमीटर जुड़े नेपाल बॉर्डर पर पेट्रोलिंग तेज कर दी गई है और डॉग स्क्वायड की भी मदद ली जा रही है।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गोरखपुर आगमन के मद्देनजर भारत - नेपाल बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर निगहबानी तेज कर दी गई है। महराजगंज जनपद सीमा की 84 किलोमीटर जुड़े नेपाल बॉर्डर पर पैट्रोलिंग तेज कर दी गई है। सरहद पर डॉग स्क्वायड, मेटल डिटेक्टर से भी नेपाल से आने वालों की भी सघन जांच की जा रही है। इन दिनों नेपाल से आने वाली सभी नदियां उफान पर हैं। इसके बाद भी सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों में एसएसबी और पुलिस का कड़ा पहरा है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियो के आह्वान पर नेपाल की एजेंसियों ने भी अवैध आवाजाही रोकने के लिए पेट्रोलिंग तेज कर दिया है। संदिग्धों पर विशेष नजर रखी जा रही है।



महराजगंज का 84 किलोमीटर बॉर्डर नेपाल से जुड़ा है। जनपद का अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखा पूरी तरह से खुली है। कहीं से कोई भी नोमेंस लैंड पार कर एक-दूसरे देश में प्रवेश कर सकता है। महराजगंज जनपद में कोल्हुई से लेकर पथलहवा बॉर्डर तक एसएसबी के 17 बीओपी हैं, जहां से बॉर्डर की निगरानी की जा रही है।सुरक्षा एजेंसियों के लिए भारत - नेपाल की खुली सीमा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।



भारत नेपाल सीमा संवेदनशील होने के साथ ही भारत से नेपाल आने जाने के वालों के लिए एक गम्भीर समस्या है। सरहद की 84 किलोमीटर खुली सीमा में करीब 104 पगडंडिया है। जिसमें कुछ स्थानों पर पैदल के अतिरिक्त पहुंचने का कोई साधन नही है। लेकिन रात के अंधेरे में सुरक्षा बलों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य से कम नही है।



सोनौली सीमा पर कई बार पकड़े गए  हैं संदिग्ध

सोनौली सीमा इसलिए संवेदनशील है कि साल 1992 से लेकर अब तक दर्जनों आंतकी और देश विरोधी पकड़े जा चुके हैं।इसके अलावा लश्कर के कई खूंखार आतंकी भी सोनौली सीमा क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश के दौरान गिरफ्तार होकर सलाखों के पीछे पहुंच चुके हैं। देश के अंतिम छोर पर बसे यूपी के महराजगंज जिले का 84 किमी सीमा नेपाल से जुड़ा है। खुली सीमा और नेपाल का भारत में प्रवेश का अधिकृत गेट सोनौली में होने की वजह से नेपाल के रास्ते भारी संख्या में विदेशी विशेषकर पाकिस्तानी सोनौली होकर भारत के विभिन्न हिस्सों में पहुंचते हैं। पीओके से सोनौली बार्डर का कनेक्शन देख सुरक्षा एजेंसियां इस बात को लेकर बेहद चौकन्नी हैं।


84 किमी में केवल दो ही एंट्री प्वाइंट, पगडंडी से आ-जा रहे लोग

महराजगंज के सीमाई क्षेत्र में नेपाल जाने-आने के लिए केवल दो ही वैध रास्ते सोनौली व ठूठीबारी हैं। नोमेंस लैंड से सेवतरी मर्यादपुर, पहाड़ी टोला, परसा, पड़ौली - झिंगटी, केवटलिया, रजिया घाट, शेख फरेंदा, फरेन्दी तिवारी,खनुआ, पैसिया बैरिया,श्याम काट, भगवानपुर, रेहरा, चंडीथान समेत कोल्हुई से लेकर झुलनीपुर तक करीब 104 पगडंडी रास्ते हैं, जहां से स्थानीय लोगों की आवाजाही बनी रहती है। सुरक्षा एजेंसियों के लिए मुश्किल बात यह है कि स्थानीय लोगों में घुल-मिल कर देश विरोधी तत्व प्रवेश कर सकते हैं। ऐसे में इस समय चौबीस घंटे पहरा तेज कर दिया गया है।


एसएसबी 22 वीं बटालियन के इंस्पेक्टर जयंत घोष ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर भारत नेपाल सीमा पर अलर्ट है, एसएसबी जवान डाग स्क्वायड के साथ हर आने जाने वाले लोगों पर कड़ी नजर रखे हुए हुए हैं। सामानों की सघन जांच भी की जा रही है।

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