बिजनौर:शासन के आदेशों के क्रम में दिनांक 1 जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान कार्यक्रम अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ साथ क्षेत्रीय लोगों को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने शपथ दिलाकर देश को रोग मुक्त करने का बीड़ा उठाया। इस दौरान डॉ.बीके स्नेही ने समस्त अधीनस्थ कर्मचारियों को शपथ दिलाने के उपरांत बताया कि हम अपने गांव, ब्लॉक, जनपद और देश को रोग मुक्त कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम शपथ लेते हैं कि व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान रखेंगे, अपने घर के आस-पास साफ-सफाई रखेंगे, अपने गांव और मोहल्ले के वातावरण को स्वच्छ रखेंगे तथा समुदाय को साफ सफाई और स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे। संचारी रोग हमारे गांव अथवा क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को आर्थिक नुकसान का एक बड़ा कारण हो सकते हैं। संचारी रोगों से लड़ाई में हम हर संभव प्रयास करेंगे कि हमारे परिवार और समुदाय इन रोगों से मुक्त रहें। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हमारे गांव अथवा हमारे आसपास के क्षेत्र में यदि कोई व्यक्ति बुखार से पीड़ित होगा तो उसके परिवार को तुरंत इलाज के लिए सरकारी अस्पताल जाने हेतु प्रेरित करेंगे। इसके साथ ही संचारी रोगों से बचने के लिए कई उपाय हैं जो हम लोग अमल में लाकर इनसे अपना और समाज का बचाव कर सकते हैं। जैसे कि दरवाजे व खिड़कियों पर जाली लगवाएं।नियमित मच्छरदानी का प्रयोग करें ।मच्छर रोधी उपाय अपनाएं।अनुपयोगी वस्तुओं में पानी इकट्ठा ना होने दें। पानी की टंकी पूरी तरह से ढक कर रखें। पूरी बांह वाली कमीज पैंट और मोजे पहने। घर और कार्यस्थल के आसपास पानी जमा ना होने दें । कूलर गमले आदि को साप्ताहिक खाली कर सुखाएं ।गड्ढों में जहां पानी एकत्रित हो उसे मिट्टी से भर दें। नालियों में जलभराव रोके और उनकी नियमित सफाई करें। जानवरों के बाड़े घर से दूर रखें। जंगली झाड़ियों की नियत साफ सफाई करें। चूहों ,छछूदर से बचे। पीने के पानी के लिए इंडिया मार्का हैंडपम्प के पानी का ही प्रयोग करें,खाने से पहले साबुन से हाथ धोये। खुले में शौच ना करें तथा नियमित शौचालय का प्रयोग करे।कुपोषित बच्चों का विशेष ध्यान रखें। बच्चों को जेई दिमागी बुखार का दोनों टीके अवश्य लगवाएं। डॉ0 स्नेही ने बताया इसके साथ ही कहा कि कोई भी बुखार जानलेवा हो सकता है। बुखार होने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। सिर हाथ पांव एवं पेट पर पानी की पट्टी रखें। बुखार के समय पानी एवं अन्य तरल पदार्थ जैसे नारियल पानी, शिकंजी ,ताजे फलों का रस इत्यादि अधिक सेवन करें। हल्की सूती वस्त्र पहने तथा कमरे को ठंडा रखें । झोलाछाप चिकित्सकों से बचें । बिना चिकित्सक की सलाह के अनावश्यक औषधियों का सेवन बिल्कुल ना करें । इस दौरान अमित विश्नोई फार्मासिस्ट , राहुल कुमार ,अंकित कुमार बीएचडब्ल्यू ,संदीप गहलोत , रविंदर यादव एलटी, डॉ0राहुल कुमार,डॉ0सुशील कुमार ,डॉ0 अर्चना ,डॉ0 प्रगति , अशोक शर्मा,शीशराम एनएमए और अन्य बीएचडब्ल्यू एवं एलएचवी समेत अन्य स्टाफ मौजूद रहा।
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