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वर्तमान और भविष्य की पीढ़ी के लिए विकसित भारत निर्माण को साकार करेगा नव भारत साक्षरता कार्यक्रम : अशोक कुमार सिंह प्राचार्य, डायट



वेदव्यास त्रिपाठी 

प्रतापगढ़  राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निहित व्यापक और गहरे परिप्रेक्ष्य के साथ ही भविष्य के भारत के सरोकारों के संबंध में "नव भारत साक्षरता कार्यक्रम" की प्रासंगिकता अतिमहत्वपूर्ण है। भविष्य के शिक्षित भारत की कल्पना वास्तव में तभी साकार होगी जब भारत के सभी नागरिक सुशिक्षित और सुसाक्षर होंगे। यह विचार प्राचार्य अशोक कुमार सिंह ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, अतरसण्ड में आयोजित सन्दर्भ दाताओं के प्रशिक्षण के समापन सत्र में ब्यक्त किया।राष्ट्र भाषा हिन्दी के डायटप्रवक्ताअमरेन्द्र मिश्र ने शिक्षकों से बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उल्लिखित व्यवस्था के अन्तर्गत निरक्षरता के पूर्ण उन्मूलन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने 'नव भारत साक्षरता कार्यक्रम' पिछले साल एक अप्रैल को लागू किया था। उत्तर प्रदेश इस संकल्प को पूर्ण करने के लिए सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक रूप से प्रतिबद्ध है। सामाजिक विज्ञान प्रवक्ता एवं प्रशिक्षण प्रभारी श्रीमती सुचिता तिवारी ने कहा कि नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अन्तर्गत 15+ आयुवर्ग के असाक्षरों को ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड से प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा पढ़ना-लिखना एवं अंक ज्ञान सिखाया जायेगा। प्रवक्ता विवेक तिवारी ने कहा कि इस योजनान्तर्गत असाक्षरों को जीवन के महत्वपूर्ण जीवन कौशल,जैसे वित्तीय साक्षरता,कानूनी साक्षरता, डिजिटल साक्षरता,आपदा प्रबंधन, वाणिज्यिक कौशल,बाल देखभाल और शिक्षा,स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के मुद्दों बल दिया जा रहा है।बाबा बेलखरनाथ धाम के शिक्षक  डा०विनोद त्रिपाठी ने बताया कि मानव आहार संबंधी आदतों, व्यायाम, योग,तंबाकू के उपयोग की समाप्ति, प्राथमिक चिकित्सा देखभाल और सड़क यातायात दुर्घटना के प्रबंधन, स्थानीय रोजगार प्राप्त करने की दृष्टि से व्यावसायिक कौशल विकास की सीख प्रदान की जा रही है।                                                               


प्रशिक्षण के समापन पर डायट के प्रवक्ता गणों में  जितेंद्र यादव, करुणेश शुक्ल, फिरोज खान, डा०दुर्गेश कुमार, डा०विजय कुमार, बेसिक शिक्षकों में राघवेंद्र उपाध्याय, प्रेम कुमार यादव - मान्धाता, आशीष ओझा, प्रताप बहादुर चौधरी, इन्द्रमणि सिंह यादव,अशोक सिंह,अजीत दूबे,कलीमुद्दीन नगर, नैतिक सिंह,राहुल शर्मा,प्रसिद्ध कहानीकार राजीव सिंह,धर्मेन्द्र बहादुर सिंह और जगदीश कुमार आदि ने नव साक्षरता विषयक विचार ब्यक्त किया |

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