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ब्रिटिश काल में भारतीय इतिहास को पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर गौरव हीन करने की साजिश की गयी : डा० ब्रजभानु सिंह



  वेदव्यास त्रिपाठी 

 प्रतापगढ़ भारतीय इतिहास लेखन का जो कार्य अंग्रजों के नेतृत्व में प्रारम्भ हुआ और वैज्ञानिक, वस्तुपरक शोध के नाम पर जिसे भारतीय इतिहासकारों ने भी अपनाया, वह अनेक स्थलों पर पूर्वाग्रह से प्रेरित, तथ्यों के अज्ञान अथवा जान-बूझकर की गई उपेक्षा पर आधारित है! जिसके कारण भारतीय-इतिहास में अनेक विसंगतियाँ एवं भ्रम उत्पन्न हो गए हैं। उपर्युक्त विचारों की पृष्ठभूमि में अखिल भारतीय इतिहास-संकलन योजना का उद्देश्य है।भारतीय-कालगणना के आधार पर सृष्टि-रचना के प्रारम्भ से लेकर वर्तमान समय तक के इतिहास का पुनर्संकलन।भारतीय इतिहास संकलन समिति, काशी प्रान्त की जनपद इकाई की बैठक वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रो0 पीयूष कांत शर्मा के संयोजन एवं संरक्षकत्व में भगवान निकेतन, पूरे नरसिंहभान में आयोजित हुई। वरिष्ठ इतिहासकार परिषद काशी प्रान्त के सचिव प्रो0 बृजभानु सिंह ने बैठक में जनपद में इतिहास दिवस के आयोजन एवं 23 जुलाई को प्रयागराज में आयोजित होने वाली प्रांतीय कार्यशाला में समस्त पदाधिकारियों प्रतिभाग की अनिवार्यता पर जोर देते हुए आवश्यक निर्देश प्रदान किये । बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक माह जनपदीय कार्यकारिणी तथा सामान्य सभा की बैठक अनिवार्य रूप से आयोजित की जायेगी तथा प्रत्येक गोष्ठी के संयोजकत्व का दायित्व भिन्न भिन्न पदाधिकारियों को प्रदान किया जायेगा । इतिहास दिवस के आयोजन पर विचार करते हुए जुलाई माह में दो इतिहास दिवस के आयोजन की रुपरेखा तय की गयी। बैठक में डॉ0 विनोद त्रिपाठी को सर्वसम्मति से मीडिया प्रभारी का दायित्व प्रदान किया गया।अध्यक्षता डॉ0 सर्वेश कुमार सिंह एवं संचालन सचिव डॉ0 रवि प्रताप सिंह द्वारा किया गया। बैठक में जनपद के लेखक परिषद अध्यक्ष डॉ0 रमाशरण मिश्र , डॉ0 राजेश मिश्र, डॉ0 आशीष कुमार सिंह, आदि उपस्थित रहे।

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