कुलदीप कुमार
प्रतापगढ़ :नबाबगजं थाना क्षेत्र के डॉक्टर आनन्द प्रकाश पुत्र छोटेलाल विश्वकर्मा का जन्म एक गांव ब्रह्मौली मे हुआ था। जो कि बहुत सुन्दर विचार के नेक काम के लिए सदैव तत्पर रहते थे। आइये आप को बताते चलें कि आनन्द प्रकाश वर्तमान समय में दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी कॉलेज के रसायन विज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर के पद पर कार्यरत हैं और साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के कार्यकारिणी सदस्य भी हैं ।
स्नातक की पढ़ाई फिरोज गाँधी कॉलेज रायबरेली से करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गये। शुरुआत के दिनों से ही छात्र जीवन में सामाजिक समरसता की लड़ाई के लिए समाज में प्रखर रूप से अपनी आवाज़ उठाते रहे हैं और समाज के पिछड़े तबके को जागृत करने का कार्य करते रहे हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर जब इन्हें सेवा का मौक़ा मिला तो डॉ आनन्द ने शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ समाज की आवाज़ को उचित मंचो पर रखा, फिर चाहे वो मुद्दा दिल्ली विश्वविद्यालय का हो अथवा केंद्रीय विश्वविद्यालयों का, या फिर विषय राष्ट्र और उसके हित का हो इन्होंने हमेशा आगे बढ़-चढ़ कर मुद्दों की लड़ाई लड़ी है ।
2017 में जब केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति में रोस्टर के साथ छेड़छाड़ कर समाज के वंचित लोगों का हक़ छीनने का प्रयास किया तब डॉ. आनन्द प्रकाश ने इस मुद्दे के ऊपर सड़क से लेकर संसद तक आवाज़ पहुँचाने में अहम भूमिका निभाई।
जिसका परिणाम यह हुआ कि आगे चल कर सरकार को झुकना पड़ा और पुनः 200 पॉइंट रोस्टर को केंद्रीय विश्वविद्यालय में लागू किया गया। जिससे ओबीसी एसी और एसटी को उनका हक़ मिला।
डॉ आनन्द प्रकाश की इस नई नियुक्ति की सूचना पाकर तमाम विश्वविद्यालयों,बौद्धिक जगत और इष्ट मित्रों में उत्साह और हर्ष का माहौल है।
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