गोण्डा। आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का जन्मदिन जिलेभर में "लोक कल्याण दिवस" के रूप में मनाया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री के जन्मदिन को लेकर सपा नेताओं द्वारा अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। इसी क्रम में सदर विधानसभा सीट प्रत्याशी रहे सूरज सिंह द्वारा शहर के गांधी पार्क स्थित टाउनहॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इस प्रोग्राम में पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी साफ देखने को मिली। कार्यक्रम के आयोजक सूरज सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर जिन नेताओं के सानिध्य की बात कही है, उनमें जिलाध्यक्ष अरशद हुसैन के अलावा पूर्व मंत्री योगेश प्रताप सिंह व पूर्व विधायक बैजनाथ दूबे शामिल हैं। बाकी दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यक समाज के दिग्गज नेताओं को नज़र अंदाज़ कर दिया गया है।
एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव दलित, पिछड़ा और अल्पसंख्यकों को सम्मान देने की बात कर रहे हैं, वहीं उनके जन्मदिन पर गांधी पार्क स्थित टाउनहॉल में आयोजित कार्यक्रम को लेकर सूरज सिंह द्वारा सोशल मीडिया साइट्स पर शेयर की गई तस्वीरों के साथ ही कैप्शन में पार्टी के जिन नेताओं के सानिध्य की बात कही गई है उनमें अखिलेश यादव के चहेते व नाई समाज से आने वाले राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पूर्व विधानसभा प्रत्याशी संजय सविता विद्यार्थी के साथ ही दलित समाज के कद्दावर नेता पूर्व विधायक रमेश कुमार गौतम, छह बार के विधायक राम विशुन आजाद, पूर्व जिलाध्यक्ष पप्पू यादव के नाम का जिक्र भी नहीं किया गया है। इसे लेकर पार्टी में ही अंदरखाने बहस शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के समर्पित लोगों द्वारा सवाल खड़ा किया जा रहा है कि ऐसा करके आखिर सामंती सोच को पार्टी विचारधारा से अधिक तरजीह देने का क्या कारण है? वहीं कुछ सपाइयों का कहना है कि यह पार्टी में चल रही आंतरिक गुटबाजी का ज्वलंत उदाहरण है। बहरहाल जो भी हो, पार्टी के इन दिग्गज नेताओं का जिक्र न करना, यह प्रमाणित करता है कि सपा में गुटबाजी चरम पर है!
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