पं बीके तिवारी
गोंडा जिले में आज उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की दूसरे दिन परीक्षा थी। मिलते जुलते नाम के 2 परीक्षा केंद्र होने की वजह से कई छात्र भटक गए। जिससे उन्हें परीक्षा से वंचित होना पड़ा। दरअसल गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज रेलवे कॉलोनी और शहर स्थित गांधी विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के चक्कर में छात्र फस गए। हालांकि दोनों विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। अयोध्या से परीक्षा देने आए छात्र अजय कुमार ने बताया कि हम परीक्षा केंद्र पर 2 बज कर 36 मिनट पर पहुंच गए। तब तक यहां गेट पर ताला लगा दिया गया था। हम लोगों को जो एडमिट कार्ड मिला है उसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि परीक्षा 3 से 5 बजे तक होगी। हम यहां 2 बज कर 36 मिनट पर पहुंच गए। यहां पर हम 24 मिनट परीक्षा होने से पहले पहुंच गए। आरोप है कि तब तक गेट बंद कर दिया गया। हम लोगों के काफी निवेदन के बाद गेट खोला गया। तो कालेज प्रबंधन ने पुलिस वालों से कहा कि इन लोगों को यहां से मारकर भगा दो। परीक्षार्थियों का कहना था कि हम लोग इतनी दूर से चलकर आए हैं। शहर में जगह-जगह जाम लगा हुआ था। जिसकी वजह से परीक्षा केंद्र पहुंचने में 2 से 4 मिनट लेट हो गया। छात्रों ने पुलिस पर भी बड़ा आरोप लगाया कहां की पुलिस जाम तो नहीं हटवा पाती है। लेकिन छात्रों को धक्का मारने के लिए तत्पर रहती है।
अधीनस्थ चयन सेवा आयोग परीक्षा देने आए छात्रों का कहना है कि हम लोगों ने पूरी तैयारी के साथ वर्ष 2018 में यह परीक्षा दिया था। किसी कारण बस सरकार ने परीक्षा को रद्द कर दिया। 5 वर्षों तक हम लोग दोबारा परीक्षा होने का इंतजार करते रहे। आज जब परीक्षा संपन्न कराई गई। और हम लोग जाम की वजह से 5 मिनट लेट हो गए तो कॉलेज प्रबंधन ने हम लोगों को प्रवेश नहीं दिया। वही अयोध्या से आई छात्रा नूतन पांडे ने बताया कि हम लोग अयोध्या से परीक्षा देने आए हैं। 2 बजकर 40 मिनट पर परीक्षा केंद्र पहुंच गए। हम लोगों को परीक्षा देने नहीं दिया गया। एक सवाल के जवाब में उसने कहा कि हम लोगों ने पीसीएस की भी परीक्षा दिया है। वहां पर परीक्षा के कुछ मिनटों पूर्व तक प्रवेश लिया गया। यहां पर 20 मिनट परीक्षा शुरू होने से पहले पहुंचने के बाद भी हम लोगों को परीक्षा से वंचित कर दिया गया। छात्रा ने आरोप लगाया कि यहां पर सरकार की कोई गलती नहीं है। यहां पूरी गलती कालेज प्रबंधन की है। इन लोगों ने जानबूझकर नियमों का हवाला देते हुए हम लोगों को परीक्षा से वंचित कर दिया।
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