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शिव भक्तों के लिए यह सावन होगा खास, इस सावन बन रहा है अदभुद संयोग, भगवान शिव के साथ श्री हरि के भी होंगे कृपा पात्र, इस पूजन से होगा यह विशेष लाभ



पंडित शेष कुमार पाण्डेय                                                                                                                  करनैलगंज(गोंडा)। इस वर्ष दो माह का सावन महीना होगा, आठ सोमवार को आराध्य देव शिव जी के पूजन का दिन मिलेगा। सैकड़ों वर्षों बाद यह संयोग बन रहा है। भगवान शिव की आराधना के दो माह मिलेंगे। जिसमें सावन व अधिक मास का है का विलय हो रहा है।



देवाधिदेव महादेव का होता है पूजन

 साल में एक माह के सावन मास में भगवान भोलेनाथ की आराधना की जाती है सावन का महीना देवों के देव महादेव को समर्पित माना जाता है। इस माह भगवान शिव के भक्त पूरी श्रद्धा भाव से अपने आराध्य देव की पूजा करते हैं। हर साल सावन मास की शुरुआत आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि के अगले दिन से होती है।


कब से है शुरवात

 इस बार सावन महीने की शुरुआत 4 जुलाई को हो रही है और 31 अगस्त को सावन समाप्त होगा। इस वर्ष भगवान भोलेनाथ के भक्तों को उपासना के लिए 59 दिन मिलने वाले हैं यह संयोग सैकड़ों वर्ष बाद बन रहा है। जब 2 महीने का सामान एक साथ आया हो। सबसे महत्वपूर्ण विषय यह है कि सावन महीने के सोमवार को भगवान भोलेनाथ की मुख्य आराधना मानी जाती है और 2 माह के सावन में सोमवार की आठ तिथियां मिल रही है।


अदभुद संयोग

 पंडित शेष कुमार पांडेय ज्योतिषाचार्य के मुताबिक धर्म शास्त्रों में अधिक मास के स्वामी भगवान विष्णु को बताया गया है वही सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है ऐसे में इस बार सावन और अधिक मास साथ-साथ पड़ने से भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की भी कृपा प्राप्त होगी।



 हिंदू धर्म में सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है इस पूरे माह में भोलेनाथ के भक्त शिवजी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए विधि विधान से पूजन करते हैं। कुंवारी कन्याएं मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए सोलह सोमवार का व्रत भी रखती हैं इसकी शुरुआत इसी सावन महीने से होती है। 




वैदिक पंचांग की गणना और मांस के आधार पर चंद्रमा 354 दिनों का होता है और सौर मास 365 दिन का होता है। 11 दिन का अंतर आता है और तीसरे साल यह अंतर 33 दिन का हो जाता है। जिसे अधिक मास कहा जाता है। आधे सावन के बाद अधिक मास उसके बाद फिर आधा सावन का योग मिल रहा है। ऐसे में भगवान शिव की आराधना पूजा जलाभिषेक रुद्राभिषेक करने का फल श्रद्धालुओं को अधिक मिलता है। इस 2 महीने के सावन में आठ सोमवार की तिथियां भी मिल रही हैं यह संयोग बहुत अच्छा माना जा रहा है।       


  आठों सोमवार                                      

सावन का पहला सोमवार 10 जुलाई, दूसरा सोमवार 17 जुलाई, तीसरा सोमवार 24 जुलाई, चौथा सोमवार 31 जुलाई, पांचवा सोमवार 7 अगस्त, छठा सोमवार 14 अगस्त, सातवां सोमवार 21 अगस्त, आठवां सोमवार 28 अगस्त को पड़ रहा है।

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