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बेटे के जन्म की खुशियां मनाते मनाते आ गई DNA टेस्ट की बात, जानिए फिर क्या हुआ?



सुनील उपाध्याय

पहले बेटे के जन्म होने की खबर मिलते ही परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं रहा खुशियां मानो हिलोर मारते हुए आसमान छूने को तैयार थी। बेटा पैदा होने की खुशी मनाते हुए घर वालों ने मिठाई आज वितरित कर सबका मुंह मीठा कराया, परिजन यही  नहीं रुके अस्पताल स्टाफ को नेग के नाम पर नगदी भी बांट दिया। लेकिन जब परिजनों ने बच्चा देखा तो उनके होश फाख्ता हो गए जिसके बाद अस्पताल में हंगामा शुरू हो गया।




मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जनपद स्थित मेडिकल कॉलेज से संबद्ध ओपेक कैली हॉस्पिटल से जुड़ा है। जहां प्रसव पीड़ा होने पर परिजन महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां भर्ती करने के बाद सूचना मिली की बेटा हुआ है। फिर तो परिवार की खुशियों का ठिकाना ना रहा और परिजनों ने खुशी में झूमते हुए मिठाईयां बांटनी शुरू कर दी, अस्पताल स्टाफ को बतौर बख्शीश नगदी भी दी।




कुछ देर बाद परिजनों के गोद में बच्चा थमाया गया जिससे उनके खुशियों के प्राण पखेरू उड़ गए। जिसको लेकर परिजनों में हड़कंप मच गया, परिजनों ने आरोप लगाया कि उनके बेटा हुआ था। उनका बच्चा बदल दिया गया है।



परिजनों ने डीएनए टेस्ट की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई अंततः परिजन थक हार कर बच्ची को घर ले गए।




मामले में सीएमओ आरपी मिश्रा ने बताया कि शिकायत मिलने पर जांच की गई सारे आरोप निराधार हैं उन्होंने बताया कि डीएनए जांच की प्रक्रिया बाद की बात है और अगर जो परिवार चाहेगा तो डीएनए जांच करवाई जाएगी।



वही पीड़ित पिता का आरोप है कि बेटा पैदा हुआ था जिसको बदलकर बेटी दे दिया गया है। पीड़ित ने अपने स्तर से जिला अधिकारी से लेकर न्यायालय तक का दरवाजा खटखटाया है लेकिन कहीं से भी अभी तक आश्वासन नहीं मिला है ।



पीड़िता का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन द्वारा बेटा पैदा होने के सारे सबूत नष्ट कर दिए गए हैं और बिना सबूत के न्यायालय में केस फाइल नहीं हो सकती है।

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