Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

हर मोर्चे पर विफलता का सामना कर रही मोदी सरकार नौ साल के नौ सवाल पर तोड़े चुप्पी:प्रमोद तिवारी



कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता, स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि देश की सीमाओं पर लगातार जारी आतंकी गतिविधियां तथा भ्रष्टाचार एवं सरकारी संस्थानों के निजीकरण और प्रजातंत्र में मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए विपक्षी एकता राष्ट्रीय राजनीति की मुख्य आवश्यकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा है कि आगामी तेईस जून को बिहार के पटना में अंतिम चरण में पहुंची इस विपक्षी एकता को नई दिशा व दशा मिल सकेगी। 


सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि हर मोर्चे पर असफलता का सामना कर रही मोदी सरकार इसी विपक्षी एकता से घबराई हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा देशहित में अपने खिलाफ विपक्षी दलों की एकता को दिनों दिन मजबूत देख अब पूरी तरह से विपक्ष के नेताओं के खिलाफ दबाव व भय का हथकंडा और तेज कर रही है। 



राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता का फार्मूला यदि वन बनाम वन के फार्मूले के तहत सयंुक्त रूप से भाजपा के खिलाफ एक ही प्रत्याशी उतारेगा तो बीपेजी का सौ सीटों पर सिमट जाना तय है। 



राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश को चीन अपने नक्शे में दिखा रहा है और वहां सीमा पर खतरनाक ढंग से चीनी गांव बसाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेघालय व असम में गोलियां चल रही है। 



जिसके लिए भी बकौल प्रमोद तिवारी भाजपा का सत्ता की लालच में देश की सुरक्षा व संघीय ढंाचे के लिए खतरनाक राजनैतिक दलों से प्रगाढ़ता बढ़ाना है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से पिछले नौ सालों में किसानों की आय दुगनी न होने तथा एमएसपी लागू न हो पाने खाद्यान्न एवं दवाओं तक की कीमतों मे लगातार वृद्धि एवं संवैधानिक एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करते हुए विपक्षी नेताआंे के खिलाफ बदले की भावना से कार्यवाही आदि मुद्दों पर सवाल उठाते हुए नौ साल के नौ सवाल पर चुप्पी तोड़ने पर भी जोर दिया। 



रविवार को यहां मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी बयान में राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर कोरोना काल में गलत प्रबन्धन के कारण लगभग 40 लाख लोगों की मौत पर भी चुप्पी को लेकर तगड़ा सवाल दागा है। 



उन्होंने सवाल उठाया है कि सरकार बताए कि कोरोना से हुई मौतों के निराश्रित परिवारों को आखिर मुआवजा दिए जाने से क्यों मना कर दिया गया?

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

5/vgrid/खबरे