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लोगों का पलायन रोकने के लिए चीन सीमा से सटे गांवों के लिए 21 नई सड़कें मंजूर



उमेश तिवारी 

हिमाचल में चीन सीमा से सटे गांवों को मूलभूत सुविधाएं करवाने के लिए कवायद तेज हो गई है। वाइब्रेंट विलेजिज (जीवंत गांव) के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चीन सीमा के साथ लगते गांवों के लिए 21 सड़कें मंजूर की हैं। बॉर्डर एरिया से गांव के लोग बाहरी राज्यों के लिए पलायन न करें, इसके चलते लोगों को हर तरह की सुविधाएं मिलेंगी। हिमाचल लोक निर्माण विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। विभाग के अधिकारियों ने मौके का मुआयना कर डीपीआर तैयार की है।



अब केंद्र सरकार ने इसकी स्वीकृति प्रदान की है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इन सड़कों का निर्माण होना है। दूसरी ओर, चीन सीमा पर आधारभूत ढांचा विकसित कर रहा है। चीन भी बाॅर्डर पर गांव बसा रहा है। सामरिक दृष्टि से यह सड़कें बहुत महत्वपूर्ण होंगी। सेना के जवान सीमा पर आसानी से असला ले जा सकेंगे।



यह सड़कें भावानगर और कल्पा डिविजन की है। बॉर्डर एरिया के कुल 21 गांव को सड़क से जोड़ा जाना है। इन सड़कों की लंबाई दो से लेकर 37 किलोमीटर तक की है। कुल सड़क की लंबाई 281 किलोमीटर है। इनके निर्माण कार्य पर 781.18 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जानी है। इन सड़कों के बनने से जहां सेना के जवान सीमा पर असला ले जा सकेंगे वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के भी इसका फायदा होगा।



दूसरी ओर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी यह सड़कें कारगर साबित होगी। उल्लेखनीय है कि सीमा के साथ सटे गांव में मूलभूत सुविधा न होने से लोग गांव छोड़कर दूसरी जगह पलायन कर रहे हैं। मुख्य सचिव व हिमाचल पुलिस अधिकारियों ने भी इन क्षेत्रों का दौरा किया है। ऐसे में केंद्र सरकार ने वाइब्रेंट विलिजेज के तहत इन्हें गांव में बेहतर चिकित्सा सुविधा, शिक्षा, सड़कें, मार्किट, मोबाइल टावर आदि अन्य सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।



लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा के साथ लगते गांव को सड़कों से जोड़ने की डीपीआर स्वीकृत की है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इनका निर्माण होना है। सड़क की चौड़ाई पांच मीटर होगी।

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