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धौरहरा में लगा रूद्राक्ष का पेड़ बना आकर्षण का केंद्र,पेंड में आये फूल, रुद्राक्ष लगने का इंतजार हुआ शुरू



कमलेश

धौरहरा-लखीमपुरखीरी:29 लोकसभा व 141 विधानसभा धौरहरा क्षेत्र के बेलवा मोती में सपा नेता व उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री स्वर्गीय यशपाल चौधरी के घर के बगीचे में रोपा गया पावन रुद्राक्ष का पौधा अब पेड़ बन चुका है और बगीचे में आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। इस समय यह पौधा करीब 20 फीट ऊंचा हो चुका है और इसमें फल भी लगने लगे हैं। आमतौर पर रुद्राक्ष के पौधे हिमालय पर्वत की ऊंचाइयों में अथवा नेपाल में ही पाए जाते थे और वहीं से ही रुद्राक्ष के मनके मंगवाए जाते रहे हैं पर अब यह इकलौता पेड़ धौरहरा इलाके में भी फल फूल रहा है। 



रुद्राक्ष के धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए स्वर्गीय यशपाल चौधरी के पुत्र सपा नेता वरुण चौधरी ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार जिस घर में रुद्राक्ष की नियमित पूजा होती है वहां अन्न, वस्त्र, धन-धान्य की कभी कमी नहीं रहती है। ऐसे घर में लक्ष्मी का सदैव वास रहता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष को हमेशा धारण करने वाला और इसकी पूजा करने वाला अंत काल में शरीर को त्यागकर शिवलोक में स्थान प्राप्त करता है। उन्होंने आगे बताया कि पौराणिक कथाओं में उल्लेख है कि सती के देह त्याग पर शिव जी को बहुत दु:ख हुआ और उनके आंसू अनेक स्थानों पर गिरे जिससे रुद्राक्ष उत्पन्न हुआ है। 


इसलिए रुद्राक्ष धारण करने वाले के सभी कष्ट भगवान हर लेते हैं। ज्योतिषिय दृष्टि से भी रुद्राक्ष धारण करने के बड़े फायदे बताए गए हैं। इस बाबत कुछ ज्योतिषियों ने भी कहा कि ज्योतिषशास्त्र के अनुसार मनुष्य के बीमार होने का बड़ा कारण ग्रहों की प्रतिकूलता होती है। रुद्राक्ष धारण करने से ग्रहों की प्रतिकूलता दूर होती है। चाहे व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती से पीड़ित हो या शनि ने चंद्रमा को पीड़ित करके आपके जीवन में कष्ट भर दिया हो रुद्राक्ष हर हाल आपके लिए फायदेमंद होता है।


इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर किसी को कालसर्प के कारण जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है तब भी रुद्राक्ष धारण करने से अनुकूल फल की प्राप्ति होती है। प्रत्येक रुद्राक्ष के ऊपर धारियां बनी रहती हैं, इन धारियों को रुद्राक्ष का मुख कहते हैं। इन धारियों की संख्या 1 से लेकर 21 तक हो सकती है्, इन्हीं धारियों को गिनकर रुद्राक्ष का वर्गीकरण 1 से 21 मुखी तक किया जाता है। यानी रुद्राक्ष में जितनी धारियां होंगी,वह उतना ही मुखी रुद्राक्ष कहलाता है। 


फ़िलहाल कुछ भी हो वरुण चौधरी के घर के बगीचे में फूलों से लदा लगा रुद्राक्ष का पेड़ लोगों में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जिसको देखने के लिए आस पड़ोस के गांवों के साथ साथ दूरदराज से भी लोग आकर उसको देखने के साथ साथ स्पर्श कर आनंद लेते हुए रुद्राक्ष आने का इंतज़ार कर रहे है।

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