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भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी एकता को लेकर सत्रह दलों में आम सहमति से लक्ष्य को मिली मजबूती:प्रमोद तिवारी



मणिपुर में हिंसा को लेकर केंद्र के गैरजिम्मेदारानापन पर विपक्ष के उपनेता ने जतायी तल्खी

कुलदीप तिवारी 

लालगंज प्रतापगढ़। राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने पटना मे हुई सत्रह विपक्षी दलों की एका बैठक को पूरी तरह से लक्ष्य के अनुरूप सफल करार दिया है।


 उन्होनें कहा कि विपक्षी दलों की बैठक में संविधान के विरूद्ध आचरण कर रही मोदी सरकार के खिलाफ तय एजेण्डे पर आम सहमति का बनना विपक्षी एका की सबसे बडी सफलता अब भाजपा की बेचैनी और बढ़ा गयी है। 


उन्होनें कहा कि मोदी सरकार की तानाशाही को लेकर सिर्फ बत्तीस प्रतिशत मत प्राप्त कर सत्ता मे बैठी भाजपा को शिकस्त देने के लिए सत्रह सत्रह विपक्षी दल जिस उददेश्य के साथ पटना मे एकत्रित हुए वह पूरा होता हुआ नजर आया है। 


वहीं विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने सीमान्त राज्य मणिपुर के हालात चिंताजनक होने के बीच हिंसा की शुरूआत के बावन दिन बाद केन्द्रीय गृह मंत्री का दिल्ली मे बैठक बुलाना औचित्य से परे ठहराया है। 


उन्होने कहा कि हिंसा मे सौ से ज्यादा वहां मौतें हो गयी हैं और केन्द्रीय मंत्रियो तक के घर जलाए जा रहे हैं ऐसे में केन्द्र सरकार को सीमावर्ती राज्य में राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए शांति बहाली के लिए कदम उठाए जाने में गैरजिम्मेदारानापन बेहद दुखद पहलू है। 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी यात्रा का जिक्र करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने जिस तरह से पीएम से भारत के लोकतंत्र और धार्मिक बहुलवाद की मौजूदा स्थिति पर जिज्ञासा प्रकट की उससे यह साफ जाहिर हुआ है कि देश में संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने को लेकर मोदी सरकार की वैदेशिक छवि भी सवालिया घेरे मे आ पहुंची है। 


मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से शनिवार को यहां जारी बयान में राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने यूपी में राज्य सरकार की बिजली आपूर्ति को लेकर इधर की गयी तमाम घोषणाओं को भी निराशाजनक करार दिया। 


उन्होने कहा कि भाजपा के सांसद रात्रि प्रवास कर रहे हैं और जनता जब बिजली कटौती की बदहाली का सवाल उठा रही है तो सत्तारूढ़ दल के सांसद भी निरूत्तर नजर आ रहे हैं। 


उन्होने प्रदेश में विद्युत संकट के समाधान के लिए सरकार से भाषणबाजी की जगह फौरन सक्षम विद्युत इकाईयों से अतिरिक्त बिजली खरीदे जाने पर जोर दिया है।

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