रमेश कुमार मिश्रा
मुजेहना, गोंडा:ग्राम पंचायतों के विकास के निमित्त सरकार जो योजना लागू करती है उन्हें धरातल पर उतारने की निति निर्धारण में विकास खण्ड अधिकारी, ग्राम पंचायत सचिव, ए.डी.ओ. पंचायत, ग्राम प्रधान सहित एक श्रृंखला लगी होती है जिन्हें अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाहन करना होता है ताकि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाएं फलीभूत हों और आमजन को लाभ मिल सके।
लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही और कमाऊ खाऊ मानसिकता के कारण तमामों योजनाएं ऐसी हैं जिनका संचालन उतना ही हुआ जितने में अधिकारी कर्मचारी लाभान्वित हुए और वर्षो तक योजनाएं अधूरी पड़ी रहीं।
इसकी शुरुवात विकास खण्ड मुख्यालय से होती है, तकरीबन तीन बरस पूर्व ब्लॉक परिसर में करीब 15 लाख रूपये की लागत से पार्क बनने को स्वीकृति मिली थी ।
जिसका निर्माण कार्य पूरी लगन के साथ शुरू हुआ, वाल बाउंडरी बना तीन दिशाओं में गेट लगे, इंटरलाकिंग ईंट बिछाई गयी, योजना के शिलापट्ट का अनावरण करने के बाद से आज तक पार्क आधा अधूरा पड़ा है। जिसमे घास और झाड़ियाँ उग चुकी हैं।
वर्षो बाद पार्क की अपूर्णता पर यहां के जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान नही दिया यही वजह है की लाखों खर्च के बाद भी पार्क बनने का उद्देश्य अपने लक्ष्य से कोसों दूर है।
अधूरे कार्य के विषय में जानकारी लेने पर खण्ड विकास अधिकारी विकास मिश्रा ने बताया की सम्बंधित से इस बारे में जानकारी ली जा रही है।
ग्राम प्रधान पवन यादव ने बताया की 15 लाख की दो कार्य योजनाओं से कार्य कराया जाना था, जिसमे से कुछ 6 लाख रूपये आहरित किया गया उससे कार्य कराया जा चुका है, शेष धनराशि का भुगतान ना होने से पार्क का कार्य अधूरा पड़ा है।
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