मातृभूमि एवं किसानों की आजादी की लड़ाई और शिक्षा जगत में सर्वांगीण क्रांति की अलख सबसे पहले मुनीश्वर दत्त उपाध्याय ने जलाई
वेदव्यास त्रिपाठी
प्रतापगढ़! पूर्वजों के प्रति श्रध्दा, आस्था और विश्वास के अवसर पुण्यतिथि पर जनपद के पुरोधा, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, प्रथम पूर्व सांसद, अधिवक्ता, पूर्व राजस्व मंत्री पण्डित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय के कृतित्व को नमन है! यह विचार विशिष्ट बीटीसी शिक्षक संघ जिलाध्यक्ष डा०विनोद त्रिपाठी ने एम० डी०पी०जी० महाविद्यालय में स्थापित पण्डित जी की मूर्ति पर पुरातन छात्र के तौर पर माल्यार्पण करके महान ब्यक्तित्व को याद किया।डा०विनोद त्रिपाठी ने कहा कि तीन अगस्त, सन् 1898 ई० की तारीख जनपद के लिए ऐतिहासिक दिनों में से एक है! वन्दनीय मातृभूमि के सपूत, किसान आंदोलन के प्रमुख नायक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, गांधीवादी पंडित मुनीश्वर दत्त उपाध्याय का जन्म सदर तहसील के (लक्ष्मणपुर ब्लाक अंतर्गत) लक्ष्मणपुर गांव में पंडित गजाधर प्रसाद उपाध्याय एवं माता श्रीमती साधना देवी के घर हुआ था ! जिन्होंने अपने सत्कर्मों से वंश और कुल का नाम अमर कर दिया! बुजुर्गों द्वारा कहा है कि इनके जीवित रहने और दीर्घायु होने में (करहिया बाबा) करहिया लालगंज के महात्मा श्री जगन्नाथ दास जी के आशीर्वाद और मंत्र तंत्र का ही प्रभाव रहा है! उन्होंने कहा कि मुनीश्वर दत्त उपाध्याय जिला पंचायत सदस्य, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष, आजादी के बाद प्रथम एवं द्वितीय लोकसभा सदस्य, प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री, एम एल सी और 22 इण्टर मीडिएट एवं महाविद्यालय सरीखे शिक्षण संस्थाओं के संस्थापक अध्यक्ष भी रहे!डा०विनोद ने कहा कि जनपद में सन् 1972 में आजादी के 25 वें वर्ष, खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय यानि ब्लॉक मुख्यालय परिसर में शहीद स्मारक पर वीर सेनानियों का नाम अंकित किया गया है - जिसमें 5 मृतक, 5 लापता और 16 तत्कालीन समय में जीवित थे! स्वतंत्रता सेनानी स्मारक के 8 वे क्रम पर पं० मुनीश्वर दत्त उपाध्याय जी का नाम आया है! हाल ही में आजादी के अमृत महोत्सव, स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष मे मुनीश्वर दत्त उपाध्याय जी के सम्मान में भारत सरकार द्वारा डाक टिकट भी जारी किया गया है! इस अवसर पर डा० अनिल त्रिपाठी, सत्यप्रकाश, सतीश पाण्डेय, मनोज तिवारी, विजय पाण्डेय, संजीत शुक्ल एंव दिनेश वर्मा आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित की!
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