पं बागीस तिवारी
गोंडा। गोंडा के जिला महिला अस्पताल में ऑपरेशन के बाद एक प्रसूता की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि जब मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी तो डॉक्टर को बुलाने गए। लेकिन डॉक्टर काफी समय तक टाल मटोल करती रहीं। उसके बाद दूसरे डॉक्टर के पास भेज दिया गया। वन्हा पंहुचने के काफी देर बाद आई और फिर वह ऑफिस में जाकर रेफर बनाने लगी, तब तक महिला की मौत हो गई।
गोंडा के कोतवाली देहात अंर्तगत केशवपुर पहड़वा निवासी राहुल गिरी ने प्रसव पीड़ा होने पर अपनी पत्नी नंदनी उम्र करीब 32 वर्ष को जिला महिला अस्पताल गोंडा में मंगलवार को भर्ती कराया था। पीड़ित का आरोप है कि डॉक्टरों ने ऑपरेशन करने के लिए पांच हजार रुपए लिए और ऑपरेशन कर दिया।
लेकिन बुधवार को दोपहर बाद महिला की हालत बिगड़ने लगी। और देखा गया तो तेज बुखार के साथ वह कांप रही थी। हम लोग दौड़कर डॉक्टर के पास गए। पूरी बात बताई। तथा मौके पर मृतका के परिजन योगेंद्र सिंह ने बताया कि जब हम जिला अस्पताल पहुंचे, तब मेरे साथी के पत्नी की हार्ट बीट बहुत बढ़ी हुई थी। हम लोग डॉक्टर को बुलाने गए। तो वह लोग तत्काल उपचार करने के बजाए रेफर करने के चक्कर में कागज बनाने लगे।जब डॉक्टर से कहा गया कि यदि कोई व्यवस्था हो तो पहले इसका हार्ट बीट कंट्रोल किया जाए।
तो डॉक्टरों ने स्पष्ट जवाब दे दिया। यहां कोई व्यवस्था नहीं है। वन्ही मृतका के जेठ ने बताया कि यहां कोई डॉक्टर द्विवेदी है। जिन्होंने मंगलवार को ऑपरेशन किया था। तब वहां डॉक्टर संगीता बैठी थी। कई बार बुलाने के बाद वह आई और कहा कि ठंडे पानी से इसका सर धो दीजिए।अभी कुछ देर में ठीक हो जाएगा। जब आराम नहीं हुआ तो हम लोग फिर उनके पास गए। तो डॉक्टर रेशमा आई और देख कर चली गई। अंदर बैठकर रेफर बनाने लगी।
परिजनों ने बताया कि मौके पर सीएमएस भी आईं।और हम लोगों ने कहा कि कोई दिक्कत हो तो रेफर कर दीजिए। लेकिन मेरी बातों को सुना नहीं गया,उसके बाद कुछ ही क्षणों में मौत हो गई। परिजनों का मानना है कि इसमें सबसे बड़ी लापरवाही डॉक्टर संगीता और रेशमा की है।
2 दिन के बेटे के सर से उठा मां का साया
इलाज के दौरान प्रसूता की मौत हो गई है। उसका 2 दिन का बेटा अस्पताल की चकाचौंध के साथ खेल रहा है।शायद उसे नहीं पता है कि उसकी मां हमेशा के लिए उसका साथ छोड़ कर चली गई। परिजनों के सामने बेटे के पालन-पोषण को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
प्रसूता की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा। हंगामे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। परिजन डॉक्टर की लापरवाही से प्रसूता के मौत का आरोप लगा रहे थे। उनका कहना था कि मेरे मरीज को समय से यदि रेफर ही कर दिया जाता। तो शायद उसकी जान बच जाती।
प्रभारी सीएमएस बोले:प्रयास किया गया लेकिन नहीं सफल हुए
महिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस डॉ अमित त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार को बहुत सारे ऑपरेशन हुए थे। उसी क्रम में इस महिला का भी ऑपरेशन हुआ था। आज उसकी अचानक हालत बिगड़ी, डॉक्टरों ने बहुत प्रयास किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। शायद ईश्वर को यही मंजूर था ।
हमने परिजनों को सलाह दी कि इसका का पोस्टमार्टम करा दें, ताकि मौत के कारणों का पता चल सके।जिससे आगे की कार्रवाई की जा सके। रिपोर्ट में यदि किसी चिकित्सक की लापरवाही पाई जाती है तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ