उमेश तिवारी
आदिपुरुष को लेकर चल रहे विवाद का हर्जाना अब सभी हिंदी फिल्मों को भुगतना पड़ रहा है। आदिपुरुष में इस्तेमाल हुए डायलॉग्स के चलते नेपाल में सभी हिंदी फिल्मों की स्क्रीनिंग पर बैन लगा दिया गया है। इसे लेकर अब मेकर्स ने लेटर लिखकर माफी मांगी है।
टी सीरीज ने काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेन शाह और नेपाल के फिल्म डेवलपमेंट बोर्ड को अपॉलोजी लेटर लिखा है। लेटर में टी सीरीज की तरफ से मांफी मांगने के साथ साथ ये अपील भी की गई है कि नेपाल फिल्म डेवलपमेंट बोर्ड इसे एक आर्ट की तरह देखे।
भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मांगी माफी
काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर बालेंद्र शाह और नेपाल के फिल्म विकास बोर्ड को लिखे लेटर में टी सीरीज ने लिखा- 'आदरणीय सर, अगर हमने नेपाल के लोगों की भावनाओं को किसी भी तरह से ठेस पहुंचाई है तो सबसे पहले हम इसके लिए माफी चाहते हैं। ऐसा किसी के लिए किसी भी तरह की असहमति पैदा करने के लिए जानबूझकर नहीं किया गया था।
सीता-राम के किरदार पर दी सफाई
लेटर में आगे लिखा है, 'राघव का किरदार निभा रहे प्रभास ने जो ये डायलॉग बोले हैं, 'आज मेरे लिए मत लड़ना, उस दिन के लिए लड़ना जब भारत की किसी बेटी पर हाथ देने से पहले दुराचारी तुम्हारा पौरुष याद करके थर्रा उठेगा', इसका सीता माता के जन्म स्थान से कोई लेना-देना नहीं है, ये आमतौर पर सभी महिलाओं की गरिमा खासकर भारत की महिलाओं से जुड़ा है। एक भारतीय होने के नाते दुनिया भर में महिलाओं का इज्जत हमारे लिए सबसे ज्यादा अहम है।
'फिल्म को एक आर्ट की तरह देखें'
टी सीरीज ने आगे अपने इरादों पर सफाई देते हुए लिखा- हम आपसे फिल्म को एक आर्ट की तरह देखने और हमारे इतिहास में इंट्रेस्ट पैदा करने के लिए बड़ी ऑडियंस तक पहुंचने के इरादे का सपोर्ट करने की अपील करते हैं।
नेपाल में सभी हिंदी फिल्मों पर बैन
बता दें कि आदिपुरुष में सीता के किरदार को भारत की बेटी के तौर पर दिखाया गया है। जबकि धर्म ग्रंथों के मुताबिक सीता का जन्म नेपाल के जनकपुर में हुआ था। वहीं फिल्म के डायलॉग्स पर हुए विवाद के बाद 19 जून को नेपाल में आदिपुरुष के साथ-साथ सभी हिंदी फिल्मों पर बैन लगा दिया गया है।
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