ए आर उस्मानी
गोण्डा। विद्या भारती समाज में संस्कार युक्त वातावरण में सकारात्मक शैक्षिक परिवर्तन के लिए कार्य कर रही है, जिससे आने वाली पीढ़ी संस्कार युक्त होकर समाज एवं राष्ट्र के नवनिर्माण में योगदान दे सके।
उक्त वक्तव्य सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज मालवीय नगर में नव चयनित आचार्य प्रशिक्षण वर्ग के समापन अवसर पर विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के मंत्री डॉ जय प्रताप ने व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन शिशु मंदिर लखीमपुर के प्रधानाचार्य मुनेंद्र दत्त शुक्ला ने किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे क्षेत्रीय मंत्री डॉ. जय प्रताप सिंह ने नव चयनित को संबोधित करते हुए कहा कि आज का वर्तमान युग परिवर्तन का है।
हमें अपने सकारात्मक ऊर्जा एवं ज्ञान से ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना है जो हिंदुत्व एवं राष्ट्र प्रेम से पूर्ण होकर समाज के शैक्षिक जगत में एक विशिष्ट योगदान दे सके। ऐसी युवा पीढ़ी का निर्माण करना हम सबका नैतिक कर्तव्य है।
विशिष्ट अतिथि भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष हरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि हम सभी कार्यकर्ताओं का नैतिक दायित्व है कि समाज के अंतिम पायदान पर जीवन यापन कर रहे जनों के बच्चों को शैक्षिक जगत की मुख्य धारा से जोड़ने का सघन प्रयास हो।
कार्यक्रम में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के शिक्षा सेवा संयोजक योगेश कुमार ने समाज के सेवा से जुड़े विभिन्न कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपने कार्यों से समाज को नई दिशा देने के लिए संकल्पित होना पड़ेगा। प्रशिक्षण वर्ग का व्रत निवेदन करते हुए प्रदेश निरीक्षक रामजी सिंह ने दस दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देते हुए आयोजन समिति को शुभकामनाएं प्रेषित की।
इस दौरान आयोजन समिति से जुड़े लोग उपस्थित रहे। उपर्युक्त जानकारी प्रांत सोशल मीडिया प्रभारी जितेंद्र पांडेय हलचल ने एक प्रेस विज्ञप्ति में दी है।
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