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... ज्यों ही तुम्हें तराशा भगवान बन गये, नौवानार में स्वतन्त्र कवि मण्डल के बैनरतले साहित्यिक जागरूकता को मिली बुलन्दी



कुलदीप तिवारी 

लालगंज, प्रतापगढ़। सांगीपुर क्षेत्र के नौवानार में साहित्यिक जागरूकता को लेकर हुए कवि सम्मेलन में कविता पाठ के जरिए समरसता एवं सदभावना का संदेश प्रवहमान हुआ। स्वतंत्र कवि मण्डल के बैनरतले हुए कवि सम्मेलन का शुभारंभ बतौर मुख्यअतिथि समाजसेवी राणा सूबेदार सिंह चौहान व सेवानिवृŸा पीसीएस अधिकारी ज्ञानेन्द्र पाण्डेय तथा एसोशिएट प्रोफेसर डा. अर्जुन पाण्डेय एवं सुरेश बहादुर सिंह ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पार्जन कर किया। हास्य कवि दीपेन्द्र तन्हा ने रसोई की मंहगाई पर लोगों को गुदगुदाया। ज्ञानेन्द्र पाण्डेय ने कलरव जहां विहंग कर रहे मनहर एक रागिनी लिखना गीत से वाहवाही हासिल की। आयोजक कवि एवं वरिष्ठ साहित्यकार केसरीनंदन शुक्ल ने पढ़ा-जब तक नहीं तरासा तुम कोरे पत्थर थे, ज्यों ही तुम्हें तराशा भगवान् बन गये लोगों को खूब पसन्द आयी। ओज के जाने माने कवि अंजनी अमोघ ने जब पढ़ा-अपनी कविता में भारत का गौरवगान लिखेंगे, सबसे अच्छा सबसे प्यारा अपना हिन्दुस्तान लिखेंगे तब कवि सम्मेलन में मौजूद लोगों की करतल ध्वनि जमकर गूंज उठी दिखी। संचालन कर रहे डा. अजीत शुक्ल ने भी पढ़ा-रात ढलती रही दिन संवरता रहा, जिंदगी का सफर यूं ही कटता रहा पर भी लोग मंत्रमुग्ध हो उठे। सुरेश अकेला ने जीवन का कोई ठिकाना नही चला जाएगा कब बताना नही है में भी संवेदनशीलता झलकी। अध्यक्षता कर रहे कवि एवं स्वतंत्र कवि मण्डल के अध्यक्ष अर्जुन सिंह ने भी स्तरीय काव्यपाठ कर लोगों का समर्थन अपने नाम किया। हरिवंश शुक्ल शौर्य व अनिरूद्ध मिश्र ने भी निर्भीकता पर आधारित काव्यपाठ से लोगों मे जोश भरा। अतिथियों का स्वागत ओजकवि अंजनी अमोघ व आभार प्रदर्शन शिक्षक अमित शुक्ल ने किया। वहीं कमलेश गिरि, यज्ञ कुमार पाण्डेय, अनूप त्रिपाठी, संजय शुक्ल, धर्मेश मौर्य, अब्दुल मजीद रहबर, रघुनाथ यादव, रविकान्त मिश्र, रामजी मौर्य, अब्दुल कलीम अहमद, डा. गुरूवचन सिंह बाघ, राजेन्द्र शुक्ल, अजय अनहद की भी कविताएं लोगों के बीच जगह हासिल करने मे कामयाब दिखी। इस मौके पर सर्वेश मिश्र, भगवती प्रसाद मिश्र, सुरेन्द्र पाण्डेय, रमाशंकर शुक्ल, पंकज शुक्ल, विनोद मिश्र, अनुभव तिवारी, कामिनी शुक्ला, सीमा शुक्ला, देवी प्रसाद मिश्र, फूलचंद्र पाण्डेय, उदयराज पाल, विनोद विश्वकर्मा व कामता तिवारी आदि रहे।

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