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देश और काल के अनुसार सबसे न्यूनतम सुविधाओं के साथ जीवनयापन करना भी योग है : डा०विनोद त्रिपाठी



वेदव्यास त्रिपाठी 

बाबा बेलखरनाथ धाम प्रतापगढ़ अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन संविलित उच्च प्राथमिक विद्यालय, कांपा मधुपुर, बाबा बेलखरनाथ धाम, प्रतापगढ़ में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया ! 


नवम् योग दिवस कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं, शिक्षक -शिक्षिकाओं, ग्राम प्रधान एवं अभिभावकों ने उत्साह पूर्वक भागीदारी की।



इस मौके पर प्रा०वि० प्रधानाध्यापक डा० विनोद त्रिपाठी ने कहा कि योगदर्शन में महर्षि पतंजलि ने यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि सहित आठ अंगों की एक व्यापक प्रक्रिया को योग कहा है।



डा०विनोद ने बताया कि असल में योग के आठ अंगों की व्याख्या भौतिक विज्ञान के किसी गहन अध्याय का सा मामला है। हर चीज़ की एक परिभाषा है और उसे मनमर्जी से नहीं बदला जा सकता।



वरिष्ठ शिक्षक देवानन्द मिश्र ने बताया कि योग का पहला चरण यम हैं, यह सामाजिक नियम है। यम जाति, देश, काल और समय से परे हैं। 



यम यानी आप हिंसा न करने का संकल्प लेंगे। सत्य ही बोलेंगे। अस्तेय यानी चोरी, भ्रष्टाचार या अनैतिकता से कतई दूर रहेंगे। ब्रह्मचर्य का पूर्ण पालन करेंगे और अपरिग्रह को अपने जीवन में उतारेंगे।



प्रभारी प्र० अ० राजेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि संतोष का अर्थ है न्यूनतम साधनों और संसाधनों में जीवनयापन है, न कि जो मिल गया उस पर संतोष कर लेना। तप यानी अपने देश और काल में जो सबसे न्यूनतम सुविधाओं के साथ जीवन यापन कर रहा है, आप सदैव उसके स्तर पर रहने का अभ्यास करें।



ग्राम प्रधान सीताराम सरोज ने कहा कि प्राणायाम कुंभक और रेचक ही नहीं है। यह प्राणों पर नियंत्रण की क्रिया है! इस मौके पर शिक्षिका श्रीमती नीतू सिंह ने योगासन एवं मार्गदर्शन कराया। कार्यक्रम में शिक्षक मोहम्मद सुएब, शशिबाला शुुक्ला, पंचायत राज कर्मी छेदी लाल एवं जितेन्द्र कुमार, सोशल वर्कर महेंद्र पाण्डेय, बजरंग दूबे आदि मौजूद रहे।

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