Type Here to Get Search Results !

Bottom Ad

मनकापुर:धान की सीधी बुवाई का निरीक्षण



पं बीके तिवारी 

गोंडा:आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर गोंडा एवं डॉ. रेड्डीज फाउन्डेशन के संयुक्त प्रयास से ग्राम सीरगौरा विकासखंड मनकापुर जनपद गोंडा के प्रगतिशील कृषक शिवप्रसाद यादव द्वारा दो एकड़ खेत में कराई गई धान की सीधी बुवाई का निरीक्षण इफको के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. डीके सिंह एवं कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान डॉ. रामलखन सिंह  द्वारा किया गया । 


धान की सीधी बुवाई मल्टीक्राप सीडर मशीन के द्वारा कराई गई है । प्रगतिशील कृषक शिवप्रसाद यादव धान की सीधी बुवाई से संतुष्ट हैं । उन्होंने बताया कि धान की सीधी बुवाई 8 जून 2023 को कराई गई थी । इस समय बीज का  सम्पूर्ण जमाव हो चुका है तथा फसल स्वस्थ है । खेत में दूब,सेवई,मोथा खरपतवार उग आए हैं । 


इनके नियंत्रण के लिए बाइसपेरिबैक सोडियम 10% एससी की 100 मिलीलीटर मात्रा को प्रति एकड़ की दर से 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव किया जाएगा । डॉ. रामलखन सिंह ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर द्वारा प्रदर्शन में धान प्रजाति आईआर64 सब वन का बीज निशुल्क दिया गया है । कृषक  द्वारा संकर धान की भी बुवाई कराई गई है । 


धान की रोपाई में पानी भरने में रुपया 1000, लेव लगाने में रुपया 6000 तथा रोपाई में रुपया 6000 प्रति एकड़ खर्च होता है । धान की सीधी बुवाई में लेव लगाने, रोपाई तथा पानी भरने में खर्च किए गए पैसे की बचत होती है । धान की सीधी बुवाई मशीन द्वारा ₹1200 प्रति घंटा की दर से एक एकड़ में मात्र ₹2400 का खर्च हुआ है । 


धान की सीधी बुवाई कम समय में व कम लागत में की जा सकती है । खरपतवारों का प्रबंधन खरपतवारनाशी रसायन  द्वारा किया जाता है । धान की रोपाई में श्रमिकों की कमी के कारण विलम्ब होता है तथा लागत भी ज्यादा आती है जबकि धान की सीधी बुवाई समय से व कम लागत में की जा सकती है । 



डॉ. डीके सिंह ने बताया धान की सीधी बुवाई में यूरिया की टाप ड्रेसिंग के स्थान पर नैनो यूरिया का पर्णीय छिड़काव ज्यादा लाभकारी होगा । इससे फसल की पैदावार ज्यादा होगी । धान की बुवाई करते समय बीज को एवं रोपाई करते समय पौध को डीएपी से उपचारित करने पर पैदावार बढ़ जाती है । 



धान की रोपाई करने से पूर्व 5 मिलीमीटर नैनो डीएपी को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पौध को आधा घंटे तक घोल में रखकर उपचारित करें  तथा खड़ी फसल में नैनो यूरिया की 4 मिलीलीटर मात्रा को प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पर्णीय छिड़काव करें । 


इस अवसर पर प्रगतिशील कृषकों महादेव यादव, बलराम मिश्रा, सचिन मौर्य, रमेश आदि उपस्थित रहे ।

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad



 




Below Post Ad

5/vgrid/खबरे