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नेपाल के नए नियम से भारतीय सीमावर्ती क्षेत्र के बाजारों में कारोबार चौपट



उमेश तिवारी

महराजगंज :नेपाल सरकार की ओर से कस्टम ड्यूटी (सीमा शुल्क) के नियम में किए गए बदलाव ने भारत की सीमावर्ती क्षेत्र के बाजारों में कारोबार को पूरी तरह चौपट कर दिया है। एक माह पूर्व तक ये बाजार नेपाली खरीदारों से गुलजार रहते थे, लेकिन सीमा शुल्क बढ़ते ही स्थिति बदल गई है। अब यहां के व्यापारी दिनभर खरीदारों का इंतजार कर रहे हैं। व्यापारियों की माने तो सीमावर्ती क्षेत्रों के बाजारों में प्रतिदिन तीन करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हो रहा है। अकेले सोनौली बाजार में प्रतिदिन दो करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होता रहा है।

जानकारी के अनुसार, नेपाल की सीमा से लगते भारतीय क्षेत्र में एक माह पहले तक हर दिन करोड़ों रुपये का कारोबार होता था। इसी दौरान नेपाल ने कस्टम ड्यूटी में इजाफा कर दिया। फैसला लागू होते ही भारत के सीमावर्ती क्षेत्र के बाजार बेजार हो गए। दरअसल, सीमावर्ती क्षेत्र के बाजार नेपाली खरीदारों की वजह से गुलजार रहते थे। नेपाल के लोगों के लिए भारतीय क्षेत्र से सामान खरीदना सस्ता पड़ता था, लेकिन कस्टम ड्यूटी बढ़ते ही स्थिति बदल गई। अब नेपाली खरीदार भारतीय बाजार में नहीं आ रहे हैं। सोनौली के व्यापारियों की माने तो यहां प्रतिदिन दो करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार होता था। त्योहार में यह आंकड़ा पांच करोड़ के पार पहुंच जाता था।


नेपाल पुलिस व भंसार कर्मियों के नए नियम के अनुसार नेपाली नागरिकों को भारतीय क्षेत्र से नेपाली 100 रुपये (भारतीय 62.50 रुपये) का सामान खरीदकर नेपाल ले जाने पर कस्टम शुल्क नहीं लगता। इससे अधिक की खरीद पर शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। इस वजह से नेपाल के ग्राहकों ने धीरे-धीरे भारतीय बाजारों में आना बंद कर दिया है। भैरहवा कस्टम कार्यालय पर कस्टम ड्यूटी से संबंधित नोटिस चस्पा किया जा चुका है। नेपाली अधिकारी इसका कड़ाई से पालन भी कर रहे हैं।


पांच से 20 फीसदी देना पड़ रहा शुल्क


नेपाल के नए नियम के मुताबिक, भारतीय क्षेत्र से 100 रुपये (नेपाली) से अधिक के सामन खरीद कर नेपाल ले जाने पर सीमा शुल्क देना पड़ रहा है। यह शुल्क विभिन्न वस्तुओं पर पांच से 20 प्रतिशत है। कुछ वस्तुओं पर 35 फीसदी शुल्क लगाया गया है। कानून का कड़ाई से पालन कराने के लिए सीमा से लेकर भंसार क्षेत्र तक जगह-जगह नेपाल सशस्त्र बल एवं नेपाल पुलिस की तैनाती की गई है।


नेपाली खरीदारों से गुलजार रहते थे ये बाजार


सोनौली, भगवानपुर, हरदी डाली, पेड़ारी, बरगदवा, ठूठीबारी, परसा मलिक, फरेन्दी बाजार और खनुवा के बाजारों में एक माह पहले तक नेपाली खरीदारों की भीड़ दिखती थी, लेकिन नेपाल की ओर से कस्टम ड्यूटी के नियम में बदलाव करने के बाद अब यहां के व्यापारी परेशान हैं।


नेपाल के नियम में बदलाव करने से भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में कारोबार चौपट हो गया है। सोनौली उद्योग व्यापार मंडल समिति के बैनर तले व्यापारियों ने बीते शुक्रवार को सोनौली व्यापार मंडल के अध्यक्ष विजय रौनियार के नेतृत्व में डीएम को ज्ञापन सौंपा था। व्यापारियों ने अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए नियमों में ढील दिलाने की अपील की है।


उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के तहसील अध्यक्ष सुवाष जायसवाल ने बताया कि सोनौली सीमा से सटे रूपनदेही जिला प्रशासन के निर्देश पर भैरहवा ( बेलहिया ) कस्टम में कड़ाई शुरू कर दी गई है। भारत से जरूरत के सामान खरीदकर नेपाल ले जाने वाले लोगों से शुल्क लिया जा रहा है। इस वजह से नेपाली ग्राहकों का भारतीय बाजार में आना कम हो गया है।

दोनों देश के सीमावर्ती क्षेत्र के लोग नए नियम से परेशान हैं। दुकानों पर ग्राहक नहीं आ रहे हैं। अगर ऐसा ही रहा तो दुकान का किराया निकलना मुश्किल हो जाएगा। लोगों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है।

सोनौली के कपड़ा व्यापारी सोनू साहू ने बताया कि कुछ दिनों पहले भैरहवां भंसार कार्यालय में नेपाली अधिकारियों से मिलने गया था। तब पता चला कि यह वर्ष 1960 का नियम है। 1960 और 2023 में बहुत फर्क है। इसमें संशोधन की जरूरत है। कारोबार के साथ पांच प्रतिशत जीएसटी सरकार को जाता है। नियम में नेपाल सरकार को छूट देनी चाहिए।


सख्ती के बाद पगडंडी से तस्करी शुरू


भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल की तरफ से सख्ती के बाद तस्करी तेज हो गई है। सीमावर्ती क्षेत्र में सुबह से शाम तक महिलाएं एवं बच्चे एक से दो गत्ते सामान लेकर जाते दिख रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि पुलिस प्रशासन को तस्करी पर रोक लगानी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो ग्राहकों की कमी की मार झेल रहा कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ जाएगा।


इस संबंध में भैरहवा कस्टम कार्यालय के सूचना अधिकारी युवराज भट्टराई ने कहा है कि  सरकार के आदेशा का कड़ाई से पालन हो रहा है। भारतीय क्षेत्र से सामान लाने पर रोक नहीं है, लेकिन सामान के अनुसार निर्धारित शुल्क देना पड़ेगा। तस्करी किसी कीमत पर नहीं होने दी जाएगी। इस पर रोक लगाने के लिए टीमें गठित की गई हैं।

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