उमेश तिवारी
महराजगंज :भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में उत्पन्न समस्याओं और नेपाल में भारतीय मुद्रा को कम कीमत पर बदलकर भारतीय अर्थव्यवस्था से खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए सीमा के व्यापारी शुक्रवार को महराजगंज मुख्यालय पहुंचे। जहां केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री व डीएम को अलग अलग ज्ञापन सौंपकर कहा कि इस समय भारत से नेपाल जाने वाले सौ रुपये से अधिक के सामान पर 20 से 40 प्रतिशत तक कस्टम शुल्क वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं निर्धारित 160 रुपये की जगह 140 रुपये तक में भारतीय करेंसी बदली जा रही है। इससे दोनों देशों के सीमाई इलाके पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इस मामले में हस्तक्षेप कर उक्त समस्या के निराकरण की मांग की। व्यापारियों ने कहा कि नेपाल भंसार दैनिक उपभोग के 100 रुपये नेपाली यानी 62.2 रुपये भारतीय से अधिक के सामान पर भी कस्टम ले रहा है। यह न्याय संगत नहीं है। व्यापारी प्रतिनिधियों ने कहा कि दो-तीन सालों से नेपाल में कैसीनों का व्यापार तेजी से बढ़ा है। यहां किसी भी नेपाली नागरिक का प्रवेश प्रतिबंधित है और भारतीयों के लिए खुला है। इससे भारतीय युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है और कई लोग आत्महत्या भी कर चुके हैं। इसके साथ ही नेपाल में भारतीय पांच सौ व दो हजार के नोट प्रतिबंधित हैं। नेपाली कैसीनों में भारतीय नोट कम रेट 140 से 150 रुपये नेपाली प्रति सैकड़ा लिया जा रहा है, जबकि भारतीय रुपये का मूल्य 160 रुपये नेपाली है। व्यापारियों ने कहा कि इधर छह माह के अंदर नो मेंस लैंड पर नेपाली सीमा के अंदर तेजी से शराब की दुकानें बढ़ी हैं, जबकि शराब की दूकानें सीमा से एक किमी दूर होनी चाहिए। वहां भी भारतीय जाकर बर्बाद हो रहे हैं। इस दौरान प्रतिनिधि मंडल में उद्योग व्यापार मंडल सोनौली के अध्यक्ष विजय कुमार रौनियार, संजीव जायसवाल, तहसील अध्यक्ष नौतनवां सुभाष जायसवाल, जगदीश जायसवाल,बैजनाथ प्रसाद आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
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