पं श्याम त्रिपाठी / बनारसी मौर्या
नवाबगंज (गोंडा)कस्बे और तीन गाँवों की सीमा पर स्थित कौमी एकता की मिसाल हजरत लाल शहीद शाह बाबा का दो दिवसीय उर्स कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच धूमधाम से संपन्न हुआ।
सोमवार की सुबह हजरत लाल शहीद बाबा की मजार पर पूरे दस्तूर से गुलपोशी, फातिहा व कुरान खानी के साथ उर्स के प्रोग्राम की शुरुआत की गई ।
इस मौके पर हजारों की तादाद में अकीदत मंदो ने शिरकत करते हुए अपनी मनचाही तमन्ना पूरी होने की दुआ मांगी।
शाम को तकरीरी प्रोग्राम का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्रीय उलेमाओं व शायरों ने शिरकत की। प्रोग्राम में उलेमाओं ने कहा कि वलियों की दरगाह आपसी भाईचारे की मिशाल हैं। इस दौरान मुल्क में अमन, शांति, खुशहाली और तरक्की की दुआ मांगी गई।
उर्स के दूसरे दिन मंगलवार की सुबह से ही बाबा की मजार पर अकीदत मंदो की आमद शुरू हो गई। उन्होंने मजार पर शीरीनी व चादर चढ़ाकर मन्नतें मांगी। उर्स एकता कमेटी के संयोजन में रात में कव्वाली का आयोजन किया गया।
प्रोग्राम की शुरुआत नगरपालिका अध्यक्ष डा. सत्येंद्र सिंह व सांसद कैसरगंज के भतीजे ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सुदीप भूषण शरण सिंह ने फीता काटकर की । कमेटी ने सभी अतिथियों का साफा व माला पहनाकर स्वागत किया। कव्वाली के पहले चक्र में कव्वाल शरीफ परवाज कानपुर ने अवधी कव्वाली ' हौव्वा लाईं हैं बधावा, आमना बी जरा खोलो केवडिया हो' ने समा बांध दिया।
वहीं कव्वाला रुखसाना बानो बनारस ने प्यारे मुस्तफा की शान में बुलंदो वाला कलाम पेश किया। दूसरे चक्र में फनकारों की जुगल जोड़ी ने जवाबी कव्वाली का शानदार प्रदर्शन किया। फिल्मी धुन पर एक से बढ़कर एक गीत और गजल प्रस्तुत किया गया।
जिसका श्रोताओं ने पूरी रात आनंद की गंगा में डुबकी लगाई। प्रातः काल प्यारे नबी पर सलाम पेश कर कार्यक्रम व उर्स का समापन किया गया। कमेटी के संरक्षक डा. सैयद हाफिज अली, शाबान अली हनफी, मोहम्मद इब्राहिम, फारुक रैनी, लालजी गुप्ता ने उर्स में आए सभी अतिथियों, अकीदत मंदो, श्रोताओं के प्रति आभार प्रकट किया।
इस मौके पर कायम अली, इब्राहिम, शमीम, निसार, भरत मोदनवाल, संजय सिंह, तबरेज उल हक, आयाज खान, डा. इकबाल अहमद, सोना किन्नर, सानिया किन्नर, भोलू भाई शाह पुर, इरशाद बाबू खान, मोईद राईन, सहित सैकड़ों की तादात में लोग मौजूद रहे।
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