दिनेश कुमार
गोण्डा:मनकापुर के टिकरी जंगल में सीपीटी चयन एवं बीज एकत्रीकरण तथा नर्सरी तकनीक सम्बन्धित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। मिशन लाइफ पर खुल कर चर्चा भी किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिधि अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह व विशिष्ठ अतिधि वन संनरक्षक देवीपाटन व सरयू वृत डाक्टर अनिरूद्ध पान्डेय रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रभागीय वनाधिकारी पंकज कुमार शुक्ला ने किया।
कार्यक्रम में सबसे पहले मुख्य अतिथि के पहुंचने पर कंजरवेटर डा0 अनरूद्ध पान्डेय,डीएफओ गोन्डा, डीएफओ खीरी,डीएफओ,डीएफ उन्नाव,डीएफ बाराबंकी ने पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया। कार्यशाला के दौरान मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में मिशन लाइफ पर बोली कही कि पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली को अपनाकर पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आंदोलन चलाने की बात कही।
लाइफ स्टाइल फार एनवायरमेंट अभियान को जरुरी बताया।कहा कि जिस प्रकार से जब लडकी की शादी ढूढने जाते हैं तो सुन्दर दूल्हा तथा उसके 36 गुण को अक्सर देखा जाता है। उसी प्रकार से अच्छे अच्छे बीज का चयन,नर्सरी में अच्छे ,पौधरोपण के समय अच्छे पौधे लगाने चाहिए। इसकी पहले से ही तैयारी करना जरूरी है।
वही पर्यावरण के बारे में कही कि पर्यावरण को बचाने के लिए अपने जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है। प्लास्टिक के उपयोग,पानी का गलत और अधिक मात्रा में गिराने आदि से बचना चाहिये। पर्यावर्ण को बचाने के लिए महिलाओं को जागरूक करते हुए बोली कि प्लास्टिक की पन्नी व थैली के प्रयोग से बचने की जरूरत है। महिलाए घर में पुराने तौलिये,पुराने कपडो से झोला बना सकती हैं। गाय के गोबर से बने उपले पर भोजन बना सकती हैं।
वही मंदिर में चढाये गये फूल को इक्टठा करके उसकी वर्मी कम्पोस्ट बना सकती हैं। इसी क्रम में देवीपाटन मंडल के वन संरक्षक डा0 पान्डेय ने कहा कि पौधशाला में पौधों का उगान हम अच्छी प्रजाति के बीजो से करते है। प्रायः तीन प्रकार के पेड होते है जिसमें लकडी,पर्यावरण बचाव,फलदार वृक्ष होते है।
नर्सरी के लिए स्थान,प्रजाति,जिओ टैंगिग,रिंग तथा किस किस प्रजाति के पौधे है। उसको एक रजिस्टर बना कर अंकना करना चाहिये। जिससे कभी भी उसका निरीक्षण किया जा सके। ऐसा ही एक रजिस्टर रेंज कार्यालय तथा प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यालय में होना चाहिये।
वृक्षारोपण संहिता का ज्ञान सभी वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियो को होना चाहिये। अविनाश पान्डेय ने कहा कि नर्सरी तैयार करने से पूर्व मिट्टी का चयन बहुत जरूरी होता है। इस मौके पर नीलम मौर्या ,आरपी सिंह,रेंजर बीके नायक,डीएफओ उन्नाव, रायबरेली, अयोध्या, सुल्तानपुर, बहराइच, हरदोई,अमेठी, सीतापुर, खीरी,अम्बेडकर नगर,श्रावस्ती, आदि तमाम जनपदों के वनाधिकारी,रेंजर आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का समापन दोपहर बाद मुख्य अतिथि के सम्बोधन के बाद डीएफओ पंकज शुक्ला ने किया।
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