महराजगंज पुलिस को नहीं लगी भनक
उमेश तिवारी
महराजगंज :जहां गोरखपुर पुलिस लूट का वारंट जारी होने के बाद माफिया सुधीर सिंह की तलाश में लगातार दबिश दे रही थी, वहीं उसने बृहस्पतिवार को महराजगंज सीजेएम कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।
बताया जा रहा है कि श्यामदेउरवा थाने के एक पुराने वारंट में वह कोर्ट में हाजिर हुआ है। हालांकि, देर रात तक महराजगंज पुलिस को भी इसकी भनक नहीं लग सकी। एसपी महराजगंज ने इस पूरे प्रकरण में जांच का आदेश दिया है।
जानकारी के मुताबिक, पिपरौली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख व माफिया सुधीर सिंह के खिलाफ शाहपुर थाने में 2004 में दर्ज लूट के केस में वारंट जारी है। चार अप्रैल को वारंट जारी होने के बाद पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी थी।
बुधवार को माफिया सुधीर सिंह के घर पर गोरखपुर की पुलिस ने दबिश भी दी थी, इस दौरान माफिया पुलिस को नहीं मिला था। उसकी पत्नी अंजू सिंह ने कोई जानकारी न होने की बात कही थी। पुलिस अभी उसकी तलाश में थी कि बृहस्पतिवार को माफिया सुधीर सिंह ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।
कोर्ट से उसे 14 दिन की रिमांड पर जेल भेज दिया। अब आठ जून को उसकी अगली तारीख तय की है। सबसे बड़ी बात यह कि महराजगंज पुलिस को इसकी भनक भी नहीं लग सकी। वारंट के बारे में भी महराजगंज पुलिस को कोई जानकारी नहीं है। एसपी ने इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दे दिया है।
वारंट के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। माफिया सुधीर सिंह के कोर्ट में हाजिर होने की बात सामने आई है, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी नहीं दी गई है। यह एक गंभीर मामला है। चूक कहां से हुई है, इस पूरे प्रकरण की जांच का आदेश दे दिया गया है। अगर, एनबीडब्ल्यू को दबाए रखने में पुलिस की भूमिका सामने आई तो जिम्मेदारी तय कर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही दोषी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया जाएगा।
डॉ. कौस्तुभ, एसपी महराजगंज
पुलिस ने जब्त की थी 10 करोड़ की संपत्ति
यूपी के टाॅप 61 माफियाओं की सूची में शामिल गोरखपुर के पिपरौली ब्लाॅक के पूर्व प्रमुख सुधीर सिंह की 10 करोड़ की संपत्ति को पुलिस ने करीब एक साल पहले जब्त की थी।
इसके पहले भी शाहपुर के उसके आवास सहित 80 लाख रुपये की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। सदर व सहजनवां तहसील के तहसीलदार द्वारा सुधीर सिंह के दो मकान, जमीन, गाड़ी को कब्जे में लेने के साथ ही चार बैंक खातों को सीज किया जा चुका है। माफिया का नाम गोरखपुर के टॉप 10 सूची में भी शामिल है।
सुधीर सिंह पर दर्ज है 38 मुकदमे, बसपा से लड़ा था चुनाव
माफिया सुधीर सिंह पर कुल 38 मुकदमे दर्ज हैं। उस पर हत्या, लूट, मारपीट, बलवा के कई मामले दर्ज हैं। सुधीर सिंह बसपा के टिकट पर 2022 का विधानसभा चुनाव भी लड़ चुका है। वह सहजनवां से चुनाव लड़ा था। उसपर रंगदारी, गैंग बनाकर जमीनों को कब्जा करने का आरोप है। साथ ही हत्या और हत्या के प्रयास के भी केस दर्ज हैं।
शाहपुर थाने में दर्ज मुकदमे
917/04 : धारा 392 ,411, 301/03 394,411, 109/09 गैंगेस्टर एक्ट, 321/09 110, 1863/08 307 भादवि व 07 सीएलए एक्ट, 1245/09 गुंडा एक्ट, 1615/09 110, 1265/10 3(1) गैंगस्टर 952/10 148, 149, 145, 120 बी, 307 भादवि व एससी/एसटी, 551/11 गुंडा एक्ट, एनसीआर 248/11 506, गुलरिहा में दर्ज मुकदमा 256/03 394, 307, कैंट में दर्ज मुकदमे1122/02 307
2125/07, 147, 148, 149, 302 भादवि व 07 सीएलए एक्ट व 3(1) गैंगेस्टर एक्ट, 422/08 307,1009/11 30 आर्म्स एक्ट, 1100/11 395,398, 899/11 147,148,149,307 भादवि व 07 सीएलए एक्ट, सहजनवां में दर्ज मुकदमा- 1850/09 110 जी, लखनऊ में दर्ज मुकदमा 80/05 384,302,307,120 बी भादवि विकासनगर लखनऊ दर्ज है।
बहन की शादी में आए माफिया ने पुलिस को थमाया था स्टे ऑर्डर
पंचायत चुनाव में पत्नी अंजू सिंह का पर्चा खारिज होने के बाद माफिया सुधीर सिंह जिले में लगातार आकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहा था। माफिया 21 मई 2021 को अपनी चचेरी बहन की शादी में शामिल होने गीडा थाना क्षेत्र के कालेसर आया था।
वहां भी पुलिस टीम ने उसे पकड़ने की कोशिश की थी, लेकिन उसने हाईकोर्ट से अरेस्ट स्टे दिखाकर पुलिस कर्मियों को लौटा दिया था। लेकिन, पुलिस ने उसकी दो फार्च्यूनर गाडि़यों को जब्त कर लिया। सुधीर सिंह पर दिसंबर 2020 में गुंडा एक्ट की कार्रवाई की गई थी ।
इसके बाद उसे छह महीने के लिए जिला बदर कर दिया गया है। लेकिन, वह शादी में आया था। इसी के दस दिन बाद वह एक दावत में आया था, तब पुलिस ने उसे वहीं से गिरफ्तार भी किया था।
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