आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। जिले में सपा का आपसी क्लेश देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां 2024 लोकसभा की तैयारी में सभी पार्टियां जुटी हुई है तो वही संतकबीरनगर में सपाई आपस में भिड़ते नजर आ रहे हैं।
आपसी क्लेश के चलते हाल ही में सपा जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम के द्वारा गठित की गई जिला कार्यकारिणी को सपा के शीर्ष नेतृत्व ने भंग कर दिया है। यह जानकारी एक पत्र के जरिए दी गई है।
बता दें कि बीते सोमवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय पर जिला इकाई की गठन को लेकर बैठक की गई जिसमें जिलाध्यक्ष समेत 20 पदाधिकारियों का चयन किया गया। इसी बैठक में मेहदावल विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी जयराम पांडे और जिलाध्यक्ष के बीच नोकझोंक देखने को मिला था।
दरअसल जयराम पांडे का कहना था कि कार्यकारिणी के गठन के दौरान उनसे कुछ पूछा नहीं गया बिना पूछे जिला कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है और उनके विधानसभा क्षेत्र से ना तो उपाध्यक्ष और ना ही सचिव किसी किसी कार्यकर्ता को बनाया गया जिससे वह खासा नाराज थे इस दौरान बैठक छोड़कर वह चले गए थे। उन्होंने कहा था कि मैं अपनी समस्या को नेतृत्व के समक्ष रखूंगा।
माना यह जा रहा है कि जयराम पांडे की शिकायत पर सपा के शीर्ष नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम के द्वारा गठित की गई जिला कार्यकारी को भंग कर दिया है। हालांकि जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम को अपने पद पर बरकरार रखा गया है।
जिला कार्यकारिणी भंग होते ही सपा में आपसी क्लेश तेज हो गई है क्योंकि जिन कार्यकर्ताओं को जिलाध्यक्ष अब्दुल कलाम ने पदाधिकारी नियुक्त किया था उनमें खासा आक्रोश भी देखने को मिल रहा है।
माना यह भी जा रहा है कि जिस तरह अन्य पार्टी और राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं तो वही सपा के आपसी क्लेश की वजह से आने वाले विधानसभा चुनाव मैं नुकसान पहुंच सकता है।
लेकिन अब देखना यह होगा कि जिस तरह सपा शीर्ष नेतृत्व ने जिलाध्यक्ष के द्वारा गठित की गई नवनियुक्त टीम को भंग किया गया है तो अब क्या जयराम पांडे के विधानसभा क्षेत्र से पुनः नियुक्त किए जाने वाले जिला कार्यकारिणी टीम में किसी कार्यकर्ता को पदाधिकारी बनाया जाएगा या फिर कुछ बड़ा फेरबदल होगा।
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