■ दशकों से पक्के सड़क की मांग कर रहे है ग्रामीण
आलोक बर्नवाल
संतकबीरनगर। सरकार एक तरफ सड़क, बिजली, पानी आदि सुविधाओं को गांव गांव पहुचाने का दावा करती है। वही आज भी दशकों से लोगों के लिए पक्का सड़क सपना बना हुआ है। ग्रामीणों ने ब्लॉक, तहसील, डीएम कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाई लेकिन वर्तमान तक नही हुई कोई सुनवाई। जिससे नाराज ग्रामीणों का बुधवार को गुस्सा फूट गया और शासन प्रशासन की उदासीनता को लेकर नाराज ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन किया।
इस बाबत बताते चलें कि मेंहदावल ब्लॉक के टिकरी, झलवा व मरवटिया गांव के दर्जनो ग्रामजनों ने पक्के सड़क के निर्माण के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया। मरवटिया गांव से लेकर टिकरी झलवा गांव तक का एक हिस्सा आज भी कच्चा रास्ता है। बाकी के रास्ते भी दशकों पुरानी खड़ंजा मार्ग है। जो बेहद जर्जर हो चुकी है। ग्रामीण इसी दशकों पुराने पगडंडी नुमा कच्चे सड़क मार्ग के रास्ते गांव जाने को मजबूर है आसपास के सैकड़ो ग्रामीण। ग्रामीणों ने जनपद सहित राजधानी के जिम्मेदारों से गुहार लगाई। लेकिन पक्के सड़क मार्ग का सपना वर्तमान तक पूरा नही हुआ है। सबसे ज्यादा परेशानी बरसात के मौसम में होता है। गांव जाने के लिए कोई भी रास्ता नही होता है। बच्चे स्कूल नही जा पाते है। ग्रामीण अपना रोजमर्रा के कार्य को नही कर पाते है। बुधवार को विरोध प्रदर्शन की अगुवाई फौजदार मौर्या द्वारा किया गया। इस दौरान उनके द्वारा बताया गया कि बीते कई सालों से कच्चे सड़क के मार्ग के लिए तहसील से लेकर जिले तक गुहार लगाई गई है। लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई है। इसके साथ ही बीते दिनों मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में मामले के बाबत प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें उनके द्वारा कहा गया कि पगडंडी नुमा कच्चे रास्ते के सहारे हम सभी ग्रामीण आवागमन करते है। जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में स्कूल, अस्पताल आदि न जाने में बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चो की पढ़ाई बाधित हो जाती है। जिससे उनका भविष्य खराब हो रहा है। बारिश के मौसम में मेंहदावल नगर से गांव का संपर्क कट जाता है। कोई भी बीमार हो जाये तो अस्पताल ले जाना भी मुश्किल हो जाता है। सड़क मार्ग के निर्माण के लिए कई सालों से गुहार लगाया जा रहा है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी बेपरवाह बने हुए है। इस तरह से अनेको बातो को कहा गया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सर्वदा, सरिता, राजकुमारी, पप्पू, फौजदार मौर्य, रोशन सिंह, शीतला सिंह, कैलाशी, दुर्गावती, सीमा, गुड्डू, संदीप, रेनू, जनार्दन, परमात्मा, रिंटू, राजाराम, शिवकुमार आदि दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे।
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