ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। रविवार को मुख्य विकास अधिकारी एम. अरुनमोली ने सरयू नदी के सरयू नदी के कछुआ संरक्षित क्षेत्र कटरा घाट का दौरा किया।
इस दौरान उन्होंने टीएसए इंडिया द्वारा कछुओं पर किये जा रहे शोध कार्य को देखा व जानकारी हासिल की। साथ ही सरयू नदी स्वच्छता अभियान के उद्देश्य, कार्य व सरयू नदी के अस्तित्व के सामने खड़े हुए संकट के विषय में चर्चा किया।
इस मौके पर शोधार्थी श्रीपर्णा दत्ता ने विभिन्न प्रकार के कछुओं के वैज्ञानिक अध्ययन के विषय में आंकड़ों को जुटाने आदि के कार्यों को कर के दिखाया व उसका महत्व समझाया। नेचर क्लब फाउंडेशन के अभिषेक दुबे ने सरयू नदी के अस्तित्व को बचाने के लिए 11 बिंदु का मांगपत्र भी मुख्य विकास अधिकारी को सौंपा।
जिसमें लोगों को नदी में कचरा फेंकने से रोकने के लिए सरयू नदी के पुल पर जाल व जागरूकता बोर्ड लगवाने, घाट के आसपास सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने, नदी में बंधिया को हटवाने, नदी के बाढ़ क्षेत्र में शौचालय, श्मसान आदि न बनाने, ग्रामसभा के द्वारा उनके ग़ांव में घाट पर सफाई अभियान चलाने आदि मांगें की गईं।
मुख्य विकास अधिकारी ने सभी बातों पर कार्यवाही का आश्वासन भी दिया और टीएसए इंडिया के शोध कार्यों व सरयू नदी स्वच्छता अभियान की तारीफ भी किया। सीडीओ ने वन विभाग के रेंजर को जिला गंगा समिति की हर बैठक में कछुओं के संरक्षण के प्रयासों की रिपोर्ट देने को कहा।
सीडीओ के निरीक्षण करते करते करीब आधा दर्जन लोगों ने पूजा पाठ के अवशेष प्लास्टिक सहित नदी में फेंका जिसपर उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए इस पर रोक लगाने के लिए सरयू पुल पर जाली लगाने की पहल करते हुए टीएसए संस्था व वन विभाग से एक प्रस्ताव मांगा।
उन्होंने कहा कि इस कार्य को जल्दी कराया जाएगा। सीडीओ में कछुआ संरक्षित क्षेत्र कटरा घाट नदी का डोंगी नाव से निरीक्षण किया और सरयू घाट पर लगी वन विभाग की नर्सरी को भी देखा। इस मौके पर मौजूद डीएफओ पंकज शुक्ला ने सरयू नदी के किनारे हरियाली बढ़ाने का वादा भी किया।
करनैलगंज बीडीओ श्रीकांत ने भी सरयू को निर्मल बनाने के अभियान में ब्लाक के माध्यम से भी प्रायास करने का वादा किया। इस मौके पर वन दरोगा अशोक पाण्डेय, एडीओ पंचायत अभिषेक सिंह, दिनेश चंद्रा, अरुन सिंह, हर्षित सिंह, राजू पाण्डेय, हर्षवर्धन मिश्र, कीर्तिवर्धन मिश्र सहित टीएसए इंडिया, नेचर क्लब फाउंडेशन, आज़ाद युवा विकास फाउंडेशन आदि संगठनों के लोग उपस्थित रहे।
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