ज्ञान प्रकाश
करनैलगंज(गोंडा)। एक वर्ष पहले गांवों के पंचायत भवन को हाईटेक बनाने के लिए हाई स्पीड डाटा का वाईफाई लगाने की कवायद विलुप्त दिखाई दे रही है।
प्रत्येक गांव में ग्राम सचिवालय हाईस्पीड कनेक्टिविटी वाईफाई सुविधा से लैस करने और ग्रामीणों को जरूरी अभिलेखों को प्राप्त करने के लिए तहसील, ब्लाक व सरकारी कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े इसके लिए पंचायत स्तर पर सुविधा देने की सरकारी पहल एक साल बाद भी पूरी नहीं हो सकी है।
इसके लिए शासन स्तर पर मई 2022 में ही कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। एक वर्ष पहले प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार सिंह द्वारा प्रदेश के पंचायती राज निदेशक सहित सभी जिलों के जिलाधिकारी को भेजे गए शासनादेश में कहा था कि स्मार्ट गांव के रूप में गांवों को विकसित करने के लिए अहम निर्देश जारी किए गए हैं।
गांव को स्मार्ट बनाने के लिए प्रदेश के 58 हजार 179 ग्राम पंचायत के ग्राम सचिवालय के नाम से स्थापित किया जा रहा है। गांव की जनता को विभिन्न विभागों के जिन दस्तावेजों, अभिलेखों व कागजात की आवश्यकता पड़ती है वह सभी अभिलेख ग्राम सचिवालय के पंचायत सहायक व कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से प्राप्त होंगी। इसकी व्यवस्था ग्राम सचिवालय में कराई जा रही है।
ग्राम पंचायतों में निवासरत ग्रामीण जनता को क्षमता का पूर्ण विकास, नई आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भरोसेमंद इंटरनेट कनेक्टिविटी की आवश्यकता है। यह स्मार्ट गांव की परिकल्पना के दृष्टिगत शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि ग्राम पंचायत के ग्राम सचिवालय में हाई स्पीड विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराई जाए।
साथ ही 50 मीटर की दूरी तक वाईफाई के निशुल्क सुविधा भी ग्रामीण जनों को उपलब्ध कराई जाए। यह निर्देश सभी जिलों के जिलाधिकारी, पंचायती राज अधिकारियों को भेजा गया था। तथा ग्रामीणों को जरूरी अभिलेखों को सचिवालय स्तर पर रखने व ग्रामीणों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। मगर वह आदेश केवल डस्टविन तक ही सीमित रह गया।
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