पं बागीस तिवारी
गोण्डा।सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम आने के बाद गोंडा की बिटिया ने अपने मां बाप का मान बढ़ाने के साथ-साथ जिले का नाम रोशन किया है। गोंडा शहर की निवासिनी वैष्णवी पाल के पिता आदित्य पाल पेशे से व्यवसाई हैं।
इनकी माता शिक्षिका है। इन्होंने अपने सफलता का श्रेय परिवार और गुरुजनों को दिया है। इसके साथ ही सफलता के लिए चल स्टडी को मूल मंत्र बताया है।
वैष्णवी पाल ने बताया कि सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक में उन्हें 62 बी रैंक मिली है। बहुत अच्छा लग रहा है। भविष्य में उन्होंने जो करने के लिए सोचा था। उसके लिए अब उन्हें मौका मिला है। एक सवाल के जवाब में कहा कि चौथे प्रयास में उन्हें सफलता मिली है।
कहा कि बचपन से मेरे पिता ने मुझे न्यूज़पेपर पढ़ने की आदत डाली थी। जब मैं लोकल न्यूज़ पढ़ती थी। तब पता चलता था डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने आज यह काम किया। वहीं से हमारा मोटिवेशन हुआ। सिविल सेवा की तैयारी कर रहे लोगों को संदेश देते हुए कहा कि अगर आपके पास सपोर्ट सिस्टम है। मेहनत करिए एक दिन आप भी प्रशासनिक सेवा का हिस्सा बनेंगे।
इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई गोंडा के फातिमा कॉलेज से करने के बाद दिल्ली के श्री राम कॉमर्स कॉलेज से स्नातक करने के बाद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली से इकोनॉमिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं।
वैष्णवी ने कहा कि प्रशासनिक अफसर बनकर बेसिक एजुकेशन और हेल्थ के क्षेत्र में बेहतर काम करने की उनकी इच्छा है।
वैष्णवी पाल ने बताया कि हमने दिल्ली में रहकर तैयारी किया है। उस दौरान तमाम कोचिंग संस्थानों में जाने पढ़ने का मौका मिला है। तमाम मैटेरियल्स वहां से मिले। इसमें बहुत सारे कोचिंग संस्थान का योगदान रहा है।
उन्होंने कहा कि खासतौर से मेरी सफलता के लिए स्वाध्याय का बहुत योगदान रहा है। कोरोना कॉल आने के बाद मैंने घर पर रहकर तैयारी किया। ऐसे में सफलता के लिए सेल्फ प्रिपरेशन और निरंतरता बहुत आवश्यक है। यह आपको किसी भी मुकाम पर पहुंचा सकता है। उन्होंने तैयारी कर रहे छात्रों को संदेश देते हुए खुद से बार-बार दोहराया इस सफलता के लिए सेल्फ प्रिपरेशन ही सबसे बेहतर है।
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