राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता ने रोजगार के क्षेत्र में पीएम के झांसे पर भी की तगड़ी घेराबंदी, मंहगाई पर भी हुए प्रमोद हमलावर
कुलदीप तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता, सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा है कि ईडी को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा फटकार मौजूदा भाजपा की केन्द्रीय सरकार की कार्य प्रणाली पर करारा तमाचा है।
उन्होनें कहा कि जिस तरह से मोदी सरकार चुनी हुई सरकारों को राजनीतिक अस्थिरता के साथ विपक्षी नेताओं को ईडी व सीबीआई जैसे संस्थानों के जरिए आतंकित करने का प्रयास कर रही है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की यह फटकार भाजपा की केन्द्र सरकार को सीधी चेतावनी है कि वह इन संस्थानों का दुरूपयोग कर वह विपक्ष के नेताओं को भयभीत करने के अराजनैतिक प्रयासों पर लगाम लगाये। पार्टी स्टीयरिंग कमेटी के भी सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि शीर्ष अदालत का छत्तीसगढ़ को लेकर यह चेतावनी कांग्रेस के मोदी सरकार पर संवैधानिक संस्थाओं के राजनैतिक दुरूपयोग के आरोपों की देश के सामने पुष्टि कर गया है।
वहीं विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने प्रधानमंत्री के युवाओं को नौकरी बांटने के झांसे पर भी कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है। उन्होनें कहा कि कडवी सच्चाई तो यह है कि मोदी सरकार में रोजगार मिलने की जगह नौकरियां छिन रही है। उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री ने नौ साल पहले यह वायदा नही बल्कि संकल्प लिया था कि वह प्रतिवर्ष दो करोड़ युवाओं को रोजगार देंगे।
विपक्ष के उपनेता ने पीएम की घेराबंदी करते हुए कहा कि नैतिकता के तहत वह पीएमओ को निर्देशित करें कि नौ साल के सापेक्ष अठारह करोड नौकरियां कहां दी गई हैं। प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री रोजगार व महंगाई को लेकर अपने वचन पूरा न कर पाने की स्थिति मे रोस्टर में स्वतः रोजगार की आड़ में नौकरियांे का देश के युवाओं को झांसा दे रहे हैं।
मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से बुधवार को यहां जारी बयान में कहा है कि केन्द्र की इच्छाशक्ति और टूटती अर्थव्यवस्था के कारण खाद्य पदार्थो की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। उन्होनें इसे चिन्ताजनक बताया कि आरबीआई खाद्य पदार्थो मे कीमतों की बढोत्तरी की आशंका जताकर देश की चिन्ता मे और बढोत्तरी कर रही है।
कर्नाटक में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चयन को लेकर भी राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने तस्वीर साफ करते हुए कहा कि कांग्रेस लोकतांत्रिक प्रणाली के तहत पार्टी के हर फोरम की बात को सुनकर आंतरिक लोकतंत्र की मजबूती के क्षेत्र में भाजपा को आईना दिखाते हुए अपने फैसले लिया करती है।
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