Chandr grahan:आचार्य पवन तिवारी संस्थापक अध्यक्ष ज्योतिष सेवा संस्थान के अनुसार पहला चंद्र ग्रहण, शुक्रवार 5 मई 2023 को इससे पहले सूर्य ग्रहण अप्रैल के महीने में पड़ चुका है ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण का विशेष महत्व है ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना गया है। चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा ग्रसित हो जाता है जिसका असर हर किसी की मानसिक स्थिति पर पड़ता है।
सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं लगेगी चंद्र ग्रहण के दौरान भी सारे शुभ कार्य किए जा सकेंगे इस दिन मंदिरों के कपाट भी खुले रहेंगे मंदिर के दर्शन भी आसानी से किए जा सकते हैं।
चूंकि चंद्र ग्रहण भारत में नहीं लगेगा, इसलिए भारतीयों को इससे डरने या घबराने की जरूरत नहीं है हालांकि पश्चिमी देशों में समस्याएं बढ़ सकती हैं प्राकृतिक आपदाओं की संभावना भी बनेगी।
ग्रहण काल में कैसे मिलेगा लाभ?
ग्रहण काल में मंत्र जाप, स्तुति और ध्यान करना विशेष लाभकारी होता है आप 'ओम नम: शिवाय' या चंद्रमा के मंत्र का भी जाप कर सकते हैं इस अवधि में की गई आराधना निश्चित रूप से स्वीकार होती है यदि आप कोई मंत्र सिद्ध करना चाहते हैं या दीक्षा लेना चाहते हैं तो वह भी ग्रहण काल में विशेष शुभ होता है ग्रहण के बाद स्नान करके किसी निर्धन को कुछ न कुछ दान अवश्य करें।
उपच्छाया चंद्र ग्रहण खास होता है इस तरह का ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की बाहरी छाया, जिसे पेनुम्बरा कहते हैं, पर घूमता है इससे पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य एक सीध में दिखाई नहीं देते हैं पृथ्वी सूर्य को पूरी तरह ढक देती है जिससे चंद्रमा पर काली छाया पड़ जाती है।
5 मई के दिन रात 8 बजकर 44 मिनट से चंद्र ग्रहण शुरू होगा जो देर रात 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा उपच्छाया चंद्र ग्रहण 8:44:11 बजे से दिखना शुरू हो जाएगा चंद्र ग्रहण का परमग्रास 10 बजकर 52 मिनट के करीब होगा इस चंद्र ग्रहण को पृथ्वी के कई हिस्सों से देखा जा सकेगा । एशिया, यूरोप, अफ्रीका, हिंद महासागर, अटलांटिक और प्रशांत महासागर से यह चंद्र ग्रहण नजर आएगा । भारत में इस चंद्र ग्रहण को देखना मुश्किल हो सकता है, लेकिन 8 बजकर 44 मिनट से ही यह ग्रहण नजर आना शुरू हो जाएगा ।
ज्योतिष शास्त्र में उपच्छाया चन्द्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है। उपच्छाया ग्रहण का कोई धार्मिक महत्व नहीं होता है, वैसे भी यह भारत में दृष्ट नहीं है, इन दोनों कारणों से इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
उपच्छाया चन्द्र ग्रहण तुला राशि में लगेगा, जिससे यह मिथुन, तुला, कुंभ, कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से शुभ फल कारक रहेगा।
साल का पहला चंद्र ग्रहण मेष, तुला, कुंभ राशि के जातकों के स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। इससे इन राशि के जातकों के स्वास्थ्य में गिरावट आ सकती है।
ग्रहण बुलाएगी आपदा
साल 2023 में चार बार ग्रहण लगेगा, इसके चलते इस साल संसार में कई आपदाएं आ सकती हैं। भूकंप, बाढ़, सुनामी, विमान दुर्घटना देखने को मिल सकती हैं। किसी बड़े अपराधी के भारत आने के भी संकेत हैं। हालांकि जन हानि की आशंका कम है।
राजनीति और फिल्म के क्षेत्र से दुखद समाचार मिल सकते हैं। व्यापार में तेजी आएगी, बीमारियों में कमी आएगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आय में इजाफा होगा। पूरे विश्व में सीमा पर तनाव होगा, देश में आंदोलन, हिंसा, धरना प्रदर्शन, हड़ताल की आशंका है।
एक टिप्पणी भेजें
0 टिप्पणियाँ