उमेश तिवारी
महराजगंज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी धन में घोटाले के आरोपी महराजगंज के तत्कालीन बीएसए रामहुजूर प्रसाद और सर्व शिक्षा अभियान के लिपिक यशवंत सिंह को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत अर्जी भी खारिज कर दी है।
मिली जानकारी के मुताबिक यह आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने दिया है।
इस मामले में याचिकाकर्ता पर धोखाधड़ी कर बैंक में लाखों रुपये के फर्जी चेक प्रस्तुत करने के गंभीर आरोप है। घोटाले के आरोप में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल कर जमानत की गुहार लगाई थी।
मामले में सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने तत्कालीन बीएसए रामहुजूर प्रसाद और उस समय बीएसए कार्यालय में तैनात लिपिक यशवंत सिंह को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही उनकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया है। कोर्ट के इस आदेश से घोटाले में संलिप्त आरोपियों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।
29 मई को महराजगंज में सुनवाई
इसी मामले में 29 मई को महराजगंज की स्थानीय कोर्ट में भी सुनवाई होनी है। अब यह देखने वाली बात होगी की हाई कोर्ट के फैसले के बाद स्थानीय अदालत इस मामले में क्या फैसला देती है। जानकारी के अनुसार 15 अप्रैल से लिपिक यशवंत मेडिकल छुट्टी पर है।
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