कुलदीप तिवारी
लालगंज, प्रतापगढ़। रामपुर खास की विधायक एवं कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोलह वर्षीया बेटी के साथ हुई जघन्य हत्या की वारदात को सदी की सबसे शर्मनाक बर्बरता कहा है।
उन्होने कहा कि कक्षा दस उत्तीर्ण कर कानून के क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने की ललक लिए हुए साक्षी की जिस बर्बरता के साथ देश की राजधानी में सरेराह हत्या हुई है इससे यह साफ जाहिर हो गया है कि भाजपा के राज में महिला सुरक्षा के रोज विफल होने के हालात में केन्द्रीय सत्ता कानून और व्यवस्था की विफलता की जिम्मेदारी से कतई नही बच सकती।
सीएलपी नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि दिल्ली मे ही पिछले साल नवंबर में मुम्बई की भी एक बेटी श्रद्धा के साथ बर्बरता की इंतिहा हुई। विधायक मोना ने कहा कि निर्भया, श्रद्धा, साक्षी जैसी बेटियों के साथ स्तब्ध करने वाली यह खौफनाक वारदातें दिल्ली पुलिस या गृह मंत्रालय को मौन साधने पर आखिर क्यों विवश किये हुए है?
उन्होनें कहा कि साक्षी को जिस क्रूरता के साथ मौत के घाट उतारा गया उससे यह भी साफ हो गया है कि बेटियों का सम्मान भी भाजपा की जुमलेबाजी मे ही सीमित रह गयी है। उन्होनें सवाल उठाया कि देश जानना चाहेगा कि क्या इस मासूम बेटी की आवाज, असहाय लडाई, बेबस चीख, न किसी राहगीर ने देखी या न ही दिल्ली पुलिस या सरकार ने सुनीं।
मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से बुधवार को जारी यहां बयान में विधायक आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि सत्ता में बैठे लोगों को यह जबाबदेही लेनी होगी कि साक्षी जैसी बेटियों के साथ निर्ममता और बर्बरता के लिए मौजूदा कानून व्यवस्था से जुड़ी प्रणाली में अपराधियों के मन में कानून का खौफ क्यों नही बन पा रहा है।
उन्होनें साक्षी हत्याकाण्ड के दोषी को त्वरित कार्यवाही के तहत कठोर से कठोर दण्ड के जरिए उसे न्याय दिलाये जाने की कडी मांग उठाई है। कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के तहत ऐसी घटनाओं के न थमने पर सदन से लेकर सड़क तक कांग्रेस के संघर्ष का भी ऐलान किया है।
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