पं बागीस तिवारी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक अजब गजब मामला देखने को मिला है।जहां एक पिता के अड़तालिस बच्चे है, जिसमे दस बच्चे एक ही उम्र के है। यह मामला सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा मामले को लेकर सोशल मीडिया पर लोग अलग अलग टिप्पड़ियां कर रहे है।
बता दें कि निकाय चुनाव के दौरान भेलूपुर वार्ड की सोशल मीडिया के जरिए एक मतदाता सूची सामने आई है जिसमे एक ही परिवार में अड़तालिस मतदाताओं के नाम दर्ज हैं।दर्ज नामों के सामने पिता के स्थान पर स्वामी रामकमल दास का नाम बतौर पिता दर्ज है। मतदाता सूची सूची में ओटरों के पता के स्थान पर बी 24/19 दर्ज है। जिसमें दस मतदाताओं की उम्र 37 वर्ष,5 की 39 वर्ष,शेष मतदाता अलग अलग उम्र के दर्ज किए गए हैं।
सूची में किस किस के है नाम?
योगेश, त्रिलोकी दास,मुरलीधर दास,सुरेन्द्र, रामभरत, रविन्द्र भारद्वाज , महेश, अशोक गौतम, शिव कुमार, रामकिशोर, श्रीकृष्ण, कमलेश, लक्ष्मी, वैष्णवदास, हरिशंकर, उमाकांत, हनुमान चरण, श्रवण दास, राजकुमार, उमेश, रज्जू , हेमन्त, विकास, मनोज, धर्मेन्द्र, श्रीनिवास, अभिषेक, अमित, वेदप्रकाश, कुलदीप, संजीव, अजय, रमाशंकर, लोकेश, कृष्ण कुमार, कुलदीप शर्मा, कैलाश, पंकज, संजय, पवन, रामजी दास, रजनीश, संदीप
तर्क संगत मत, संरक्षक पिता
बता दें के स्वामी कमल दास जी संत है। उनके शरण में कई शिष्य है। संत महात्मा आजीवन अविवाहित जीवन यापन करते है। उनके शिष्य ही उनके पुत्र पुत्री होते है,शिष्य के लिए गुरु पिता तुल्य होता है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि मतदाता सूची बनने के दौरान बीएलओ को संरक्षक व पिता स्वरूप शिष्यों द्वारा गुरु को ही पिता का नाम देते हुए दर्ज कराया होगा। जिससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई।
लेकिन ताजुब तब होता जब ओटर लिस्ट के नाम पर लाखों रुपए सरकार जांच व प्रकाशन के नाम पर खर्च करती है। और नतीजा शून्य निकलता है। परिणामत: ऐसे ही तथ्य सामने आते हैं।
वही इस विषय को लेकर जिलाधिकारी वाराणसी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी मैं कमिश्नरेट में हूं।
प्रधान मंत्री के लोक सभा क्षेत्र में अधिकारी इतने ज़िम्मेदारी से दायित्व निभा रहे हैं तो अन्य जनपदों में क्या स्थिति होगी स्वयं कयास लगाया जा सकता है।
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